हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में किसी अभिनेत्री के लिए बेबाक होना आसान नहीं है, कई बार अपनी बेबाकी की वजह से उन्हें कई प्रोजेक्ट्स से भी बाहर होना पड़ता है। लेकिन अभिनेत्री ईशा गुप्ता की मुझे यही बात सबसे खास लगती है, जो उन्हें अन्य अभिनेत्रियों की तुलना में अलहदा बनाती है। इन दिनों, ईशा अपने शो आश्रम 3 को लेकर चर्चे में हैं। ऐसे में ईशा ने न सिर्फ इस शो से जुड़े अपने अनुभव के बारे में मुझसे बातचीत की, बल्कि ये भी बताया कि को-स्टार भला इंसान होना भी कितना जरूरी है। मैं यहां उस बातचीत के अंश शेयर कर रही हूं।
आश्रम शो की मैं फैन रही हूँ
ईशा गुप्ता की जम कर तारीफ हो रही है उनके किरदार आश्रम 3 के लिए , क्योंकि उन्होंने शानदार भूमिका निभाई है। ऐसे में वह इसके बारे में क्या कहती हैं, आइए जानें
ईशा ने कहा
मैं और मेरा परिवार यह शो खूब दिलचस्पी लेकर देखता रहा है, पिछले दो सीजन को लेकर। मैं तो हर हाल में इस शो का हिस्सा बनना चाहती थी। ऐसे में मेरा इस शो से जुड़ना इत्तेफाक से हुआ, पहले यह किरदार कोई और अभिनेत्री करने वाली थी, फिर मैं ऑन बोर्ड आई, फिर जब मुझे सोनिया का किरदार मिला, तो काफी बदलाव आये, किरदार में। श्रुति महाजन ने मेरे बारे में सोचा और उन्होंने ही प्रकाश झा सर को कहा कि वह मेरे बारे में सोचें। फिर जब मेरे पास सर का फोन आया तो, उन्होंने बताया कि किरदार बहुत बड़ा नहीं है। लेकिन मैंने कहा सर मैं शो की फैन रही हूँ, मैं तो करूंगी ये किरदार।
वह आगे कहती हैं
मुझे ख़ुशी है कि जब मैंने इस किरदार के लिए हाँ कहा, तो उन्होंने पूरी तरह से किस किरदार में बदलाव किये। उन्होंने मेरे किरदार को ऐसा बनाया, जो बाबा को जाल में फंसाती है, क्योंकि उन्हें यकीन था कि मैं इसे अच्छे से कर लूंगी।
कई एक्टर उठाते हैं फायदा
मैंने ईशा गुप्ता से जब यह जानना चाहा कि कई बार जब अभिनेत्री इस तरह के किरदार कर रहे होते हैं, तो उनके को-स्टार्स उनका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। ईशा ने साफ़ तौर पर कहा कि हाँ, ऐसा कई बार होता है।
वह बताती हैं
मुझे ख़ुशी है कि आपने मुझसे यह सवाल पूछा है, क्योंकि इस तरह की बातों पर लोगों का ध्यान जाता नहीं है। मैं यहाँ एक घटना के बारे में बताना चाहूंगी कि मुझे एक नामचीन स्टार, जो कि मुझसे लम्बाई में काफी थे, उनके साथ मुझे इंटिमेट सीन करना था। ऐसे में वह एक्टर आया और उन्होंने मेरे कुर्ते को ऊपर से पकड़ा, क्योंकि उसको मेरे पास आना था। मैंने इसके बाद अपने निर्देशक को यह बात बताई और साफ़ तय किया कि इसके साथ कभी काम नहीं करना है।
मुझे इस बात से तकलीफ है कि आप कभी भी किसी भी एक्ट्रेस को कुछ भी नहीं कह सकते, उनको अपनी सीमा के बारे में सोचना चाहिए, लड़की को इज्जत देनी चाहिए, वह अगर कोई किरदार कर रही, तो इसका मतलब नहीं कि रीयल लाइफ में आप उनका फायदा उठाने लगें। मुझे गुस्सा आता है, जब कोई यूं ही बोल दे, हॉट लग रही हो। मैं फिर अच्छे से उन्हें उनकी लिमिट समझा देती हूँ। इसकी वजह से कई निर्देशकों और निर्माताओं ने काम करने से भी मना किया है।
शुरू में बहुत कुछ करवाने को बोला गया था
ईशा कहती हैं कि शुरू में उन्हें अपने शरीर में कई बदलाव करने को कहा गया था हीरोइन बनने के लिए।
वह कहती हैं
शुरू में कई लोगों ने कहा अपनी नाक की सर्जरी कराओ, मुझे इंजेक्शन लगाने को भी कहा, मैं शुरू में बहकी, फिर समझ आया इन चीजों से कुछ नहीं होना है । कई अभिनेत्रियों को गोरी होने के इंजेक्शन लगाने को भी कहते हैं और लगाती भी हैं एक्ट्रेस क्योंकि वह डिमांड होती है। यही वजह है कि मेरी बेटी को मैं कभी इंडस्ट्री में आने देना नहीं चाहूंगी, क्योंकि जैसा प्रेशर यहाँ है, तो उसको बचपन से ही यह सब झेलना पड़ेगा कि अपनी खूबसूरती पर ध्यान दो, मुझे उसे इन चीजों के लिए प्रेशर में नहीं लाना है, बाकी जो वह करे, मैं करने दूंगी।
इंडिया में बोल्ड शब्द लोगों को नेगेटिव लगता है
ईशा कहती हैं कि भारत में बोल्ड शब्द को नेगेटिव रूप से लिया जाता है।
वह विस्तार से कहती हैं
मैं इस बात को कभी नहीं समझ पाई हूँ कि बोल्ड शब्द को नेगटिव रूप में क्यों लिया जाता है भारत में। बोल्ड तो किसी भी स्ट्रांग इंसान के लिए इस्तेमाल होता है न। जो इंसान गट्स रखता हो, उन्हें बोल्ड कहेंगे, तो मैं सच कहूँ तो मैं बोल्ड हूँ और मुझे वैसे किरदार मिलते हैं, तो मैं रिलेट कर पाती हूँ। मेरी पर्सनैलिटी में है वह बात। और फिर लोग जिस रूप में भी मुझे लें, मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वह मेरी रोजी-रोटी तो चला नहीं रहे हैं, न ही मेरे बिल्स भर रहे हैं, तो उनकी बातों को मुझे तवज्जो ही क्यों देना है।
बेबाक रहने में प्रॉब्लम क्या है
ईशा हमेशा इस बात को मानती हैं कि वह अपनी राय रखने और खुद के लिए स्टैंड लेने में कभी पीछे नहीं रहेंगी।
वह कहती हैं
ये जो सोसायटी है, जो कहती है कि दायरे में रहो, मुझे समझ नहीं आता है कि यह दायरा क्या है। लोग क्या कहेंगे, वाली बातों पर विश्वास नहीं करती हूँ, मैं अपनी जिंदगी जीने में यकीन करता है। मेरे परिवार ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया, जब मैं शुरू में आई, तो यहाँ रेंट के पैसे देने के लिए नहीं होते थे, उस वक़्त तो समाज नहीं आया था न पैसे देने। मैंने सबकुछ अपने बलबूते किये। तो मुझे लगता है कि मुझे बनाने में किसी ने मेरी मदद नहीं की, तो उनका ओपिनियन मेरे लिए क्या मायने रखेगा। मेरे माता-पिता स्पष्ट कहते हैं कि तुम अपने लिए बेस्ट चुनो, बस कोई गंदगी मत चुनो, मैं जो करती हूँ, वो मुझे पता है कि सही है, तो मैं करती हूँ। मैं तो पूरे परिवार के साथ रहती हूँ और मैं अपनी सोच में ईमानदार रही हूँ।
बाबा और ढकोसलों में विश्वास नहीं है
ईशा साफ़ कहती हैं कि उन्हें बाबा और अंधविश्वास में यकीन नहीं हैं। वह कभी ऐसे बाबाओं के चंगुल में नहीं फंसी हैं और न ही फंसना चाहती हैं। वह कहती हैं कि उनका परिवार शुरू से ही इन तरह की चीजों से दूर रहा है और इस शो के माध्यम से उनकी यही कोशिश है कि लोगों का ऐसे ढोंगी बाबाओं से विश्वास उठे, जो उनको उल्लू बना कर ठगते हैं।
सच कहूं, तो ईशा जैसी अभिनेत्रियों से बात करने के बाद, आप खुद भी कॉन्फिडेंट होते हैं कि जिंदगी में अपना स्टैंड लेना चाहिए और खुद को फेक नहीं रहने देना चाहिए। यही वजह है कि ईशा एक मिसाल बनती हैं कई लड़कियों के लिए, जो अपने बलबूते पर बिना किसी समझौते को किये, कुछ करना चाहती हैं।