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Exclusive ! Maniesh Paul ! हमें सीनियर्स एक्टर्स से टाइम मैनेजमेंट सीखने की जरूरत है

Exclusive ! Maniesh Paul ! हमें सीनियर्स एक्टर्स से टाइम मैनेजमेंट सीखने की जरूरत है

Anupriya Verma

इस हफ्ते रिलीज हुई है फिल्म जुग जुग जियो और फिल्म को काफी लोगों ने पसंद भी किया है। खासतौर से मनीष पॉल, जो हमेशा लोगों को हंसाने में यकीन करते हैं, उनकी खूब तारीफ़ हो रही है, ऐसे में हाल ही में जब मेरी मनीष से बातचीत हुई, तो उन्होंने बताया कि बचपन से ही कैसे वह फिल्मों में दिलचस्पी लेने लगे थे और इसके अलावा और भी कई बातें की, मैं उस बातचीत के अंश यहाँ शेयर कर रही हूँ। 

बचपन से फिल्में देखने का कीड़ा रहा है 

मनीष कहते हैं कि उन्हें शुरू से ही फिल्में देखने का शौक बहुत रहा है। 

वह विस्तार से बताते हैं 

मैं फिल्मों का इतना बड़ा कीड़ा था कि बता नहीं सकता। अमिताभ बच्चन की फिल्में देखने के बाद, तो सीने पर मर्द का टैग लगा कर घूमता था।  जब भी मेरे स्कूल में फैंसी ड्रेस कंपीटिशन होता था, मैं अमिताभ बच्चन का ही किरदार निभाता था। मुझे याद है जब मैं अमिताभ सर से मिला था, तो उनसे 786 के उस बिल्ले पर साइन भी करवाया था, यह सबकुछ मेरे लिए फिल्मों में आने की तैयारी जैसा ही था। 

घर में पढ़ाई-लिखाई का ही माहौल था 

मनीष बताते हैं कि उनके घर में पढ़ने-लिखने का ही माहौल हुआ करता था। 

वह बताते हैं 

सच कहूँ, तो घर में मेरे जैसा फिल्म देखने वाला तो कोई नहीं था।  मेरे पापा चार्टेड एकाउंटेड थे।  लेकिन मैं कभी भी पढ़ाई में मन नहीं लगा पाता था।  मैं घरवालों को कहता था कि मुझे पॉकेट मनी मत दो, मगर मुझे फिल्मों के कैसेट खरीद दो।  मैं तो फिल्में देखने के लिए पता नहीं क्या कर जाता था। पुरानी फिल्में, पुराने गाने सब सुनता था. मैं राजकपूर की भी फिल्में देखता था, लेकिन सबसे ज्यादा जिस फिल्म ने मुझे छुआ, वह दीवार और अग्निपथ थी।  मैं जब भी स्कूल से घर पर लंच खाने के लिए आता था, मैं वीएचएस पर वही देखता था।  मैं चाहता हूँ कि अपने बच्चे के साथ यह सबकुछ शेयर करूँ। 

टाइम मैनेजमेंट सीखना चाहूंगा बड़े एक्टर्स से 

मनीष पॉल कहते हैं कि वह अपने सीनियर्स से टाइम मैनेजमेंट सीखना चाहते हैं 

वह कहते हैं 

मेरा मानना है कि हमारे जेनरेशन के स्टार्स में ऐसा नहीं है कि वार्मथ नहीं है, बस टाइम मैनेजमेंट की कमी है। इसलिए परेशानी होती है। मेरा मानना है कि बिजी रहते हुए भी हमें एक दूसरे को तवज्जो देनी चाहिए। जैसे अर्जुन कपूर अभी शूट कर रहे थे नैनीताल में, मैं भी शूट कर रहा था, तो हम मिल न पाए हों, लेकिन हर दिन हम बात जरूर करते थे। मैं गौर करता हूँ कि अनिल सर को मैं फोन करूँ और उनका कॉल मिस हो जाये, तब भी वह मुझे फोन करते हैं।  यह सबकुछ हमें उन लोगों से सीखने की जरूरत है।

दरअसल, मनीष का ही ये चार्म है मुझे ऐसा लगता है, जिसके वजह से वह हर स्टार्स के फेवरेट हैं। वह यूं ही चार्म बिखेरते रहें, पॉजिटिविटी देते रहें, मैं तो यही चाहूंगी और उनसे हमेशा पॉजिटिव एनर्जी ही लेना चाहूंगी .