पिछले लम्बे समय से मेरी जुबान पर फिल्म निकम्मा का गाना चढ़ा हुआ था, ऐसे में फिल्म को लेकर उत्सुकता तो काफी थी, क्योंकि फिल्म में अभिमन्यु दसानी और शर्ली सेतिया जैसे लोकप्रिय कलाकारों के साथ-साथ, शिल्पा शेट्टी भी मुख्य किरदार में हैं और शिल्पा लम्बे समय के बाद लीड किरदार निभाती नजर आ रही हैं। वैसे, इस फिल्म को लेकर उत्सुकता होने की एक वजह यह भी है कि मैंने इसकी ओरिजिनल फिल्म एमसीए, जो कि तेलगु भाषा में हैं और जिसमें भूमिका चावला, साईं पल्लवी और नानी हैं, वह भी देखी है, ऐसे में यह फिल्म किस तरह से हिंदी ऑडियंस के लिए बनी है, इसके बारे में मैंने यहाँ पूरे विस्तार से बताया है।
क्या है कहानी
कहानी देवर आदी ( अभिमन्यु दसानी) और भाभी अवनि ( शिल्पा शेट्टी) की है। आदी अपनी जिंदगी में बस आराम से जीना चाहता है, उसका जिंदगी में कोई मोटिव नहीं है, जबकि उसकी भाभी अवनि चाहती है कि वह अपने करियर में कुछ कर दिखाए। आदी को लगता है कि भाभी उसकी जिंदगी में कांटा बन गई है और उसके भाई और उसके बीच आ गई है। लेकिन कुछ ऐसा ट्विस्ट आता है कि आदी अपनी भाभी की इज्जत करने लगता है। कहानी में यह ट्विस्ट है कि वह भाभी को मां समझने लगता है। भाभी आम औरत नहीं है, वह एक आमली नामक जगह की आर टी ओ ऑफिसर हैं और वह एक गुंडे विश्वजीत( अभिमन्यु सिंह) से लड़ भिड़ती है, ऐसे में वह उसकी जान का दुश्मन बन जाता है और आदी अपनी भाभी का हनुमान बन जाता है। ऐसे में कहानी के अंत में क्या क्लाइमेक्स आता है, यह तो मैं नहीं बताऊंगी, आपको फिल्म देखनी होगी। ये फिल्म तेलुगू फिल्म एमसीए की रीमेक है, ऐसे में जाहिर सी बात है कि तुलना होना लाजिमी है। आदी के जीवन की प्रेम कहानी निक्की (शर्ली सेतिया) होती हैं, उनकी प्रेम कहानी और एक्शन से भरपूर है ये कहानी।
बातें जो मुझे पसंद आयीं
मुझे जो कहानी में सबसे अच्छी बात लगी कि महिला किरदार को स्ट्रॉन्ग तरीके से प्रस्तुत किया है, फिल्म के क्लाइमेक्स में ही सही, शिल्पा जिस तरह से स्ट्रॉन्ग किरदार में आई हैं, वह फिल्म की यूएसपी है। कहानी पारिवारिक वैल्यू को दर्शाती है, भाभी और देवर के रिश्ते पर अब तक ऐसी कहानी, बॉलीवुड में कम ही बनी हैं। फिल्म का म्यूजिक भी अच्छा है।
बातें जो बेहतर हो सकती थीं
मुझे ऐसा लगता है कि जब कोई फिल्म रीमेक के रूप में दर्शकों के सामने आती है, तो दर्शक इस बात की उम्मीद करते हैं कि कुछ कहानी में नयापन नजर आए। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि अगर इस कहानी में कुछ नयापन लाया जाता, जो हमने साउथ वाली फिल्म में नहीं देखी, तो यह फिल्म के लिए बेहतर साबित होती। सच कहूं, तो अभिमन्यु मुझे वर्सेटाइल एक्टर लगते हैं, ऐसे में उन्हें अगर लाउड किरदार न देकर सामान्य किरदार दिया जाता, तो वह अधिक जमते। साथ ही वर्तमान दौर में ऐसे भारी और फिल्मी डायलॉग भी बोरिंग हो जाते हैं, उसपर भी काम करने की पूरी गुंजाईश नजर आई। कहानी में प्रेम कहानी वाला एंगल कनेक्ट नहीं करती है। एक्शन में भी कोई एक्सपेरिमेंट नजर नहीं आया है।
अभिनय
अभिमन्यु मुझे काफी शानदार अभिनेता नजर आते हैं, वह एक्सपेरिमेंट करना भी चाह रहे हैं, उन्होंने इसकी कोशिश एक्शन हीरो के रूप किया है, लेकिन थोड़े लाउड हुए हैं। उस पर और काम करने की गुंजाइश है। शर्ली क्यूट नजर आई हैं, उनको और अधिक स्क्रीन शेयर करने के मौके दिए जा सकते थे। शिल्पा शेट्टी अपनी इमेज को तोड़ने में कामयाब रही हैं। इस फिल्म में उन्होंने कुछ अलग करने की कोशिश की है। उन्हें और स्पेस मिलता तो वह और कमाल कर सकती थीं। अभिमन्यु सिंह अब टाइप कास्ट होते जा रहे हैं। समीर सोनी के लिए कुछ खास करने को नहीं था।
कुल मिला कर, फिल्म और बेहतर मसाला एंटरटेनर बन सकती थी।