कभी उन्हें यह कह कर एक वेब सीरीज में काम करने का मौका नहीं मिल पाया था, क्योंकि उनके सोशल मीडिया पर फोलॉयर्स नहीं थे। लेकिन इस कलाकार ने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से पढ़ाई की है, साथ ही मुंबई आने के बाद भी वह लगातार थियेटर की दुनिया से जुड़े रहे, उन्होंने खुद थियेटर ग्रुप भी बनाया। ऐसे में जाहिर है कि उनके लिए अभिनय का क्राफ्ट अलग ही मायने रखता है। इन्हें किसी भी तरह की हड़बड़ी है भी नहीं, वह साफ़ तौर पर कहते हैं कि मुझे अपने शुरुआती पांच किरदारों से ही खुद को प्रूव कर देना है, ऐसे में मुझे, मॉडर्न लव और क्लास ऑफ़ 83 में अपने अभिनय का जादू बिखेरने वाले अभिनेता भूपेंद्र जड़ावत में काफी संभावना नजर आती है। धीरे-धीरे ही सही, वह अपने कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसे में जल्द ही उनकी फिल्म इत्तु सी बात रिलीज हो रही है, जिसमें वह गायत्री भारद्वाज के साथ लीड किरदार में हैं। ऐसे में उन्होंने मुझसे अपनी बातचीत में अपनी जिंदगी की कई खास पहलुओं पर बातचीत की है।
शुरुआती पांच फिल्मों से खुद को स्थापित करना है
भूपेंद्र साफ़तौर पर यह मानते हैं कि उन्हें किसी तरह की हड़बड़ी नहीं है और वह ऐसे ही किसी किरदार को निभाना नहीं चाहते हैं।
वह कहते हैं
किसी भी किरदार के लिए शुरुआती पांच किरदार अहम होते हैं, उससे ही आपको फिर आगे का रास्ता तय करना होता है या फिर मौके मिलते हैं, ऐसे में मैं भी यही करना चाहता हूँ, मेरे लिए अभिनय एक अलग क्राफ्ट है, मैंने चूँकि बाकायदा ट्रेनिंग ली है, तो मैं हरगिज किसी भी किरदार के लिए हाँ नहीं करूंगा। मैं संभल कर कम ही सही, लेकिन ऐसे काम करना चाहता हूँ, जिसमें मैं अपना बेस्ट दे सकूं।
फ़ॉलोअर्स न होने के कारण नहीं मिला था काम
भूपेंद्र ने एक ऑडिशन के दिनों को याद करते हुए खास बात कही
वह बताते हैं
मुझे याद है मुंबई के आरामनगर में ही ऑडिशन हो रहे थे, किसी वेब सीरीज के लिए, मैं अपनी तैयारी कर रहा था ऑडिशन के लिए, तभी एक लड़की आई और उन्होंने मुझसे पूछा आपके इंस्टाग्राम पर फ़ॉलोअर्स कितने हैं। मैं हैरान था, यह क्या बात हुई, क्या हमारी एक्टिंग इससे जज होगी, मैंने कहा ऐसी सीरीज में मैं काम ही नहीं करूँगा और अच्छा ही हुआ, इस आधार पर ऑडिशन होंगे, तो अच्छा है उसका हिस्सा न होना। वैसे आज का यूथ काफी सोशल मीडिया ओरिएंटेड ही है, अच्छा है, लेकिन इसे एक्टिंग का मापदंड नहीं माना जाना चाहिए।
विज्ञापन की दुनिया से हुई शुरुआत
भूपेंद्र बताते हैं कि उन्होंने विज्ञापन की दुनिया से शुरुआत की थी।
वह बताते हैं
मैंने विज्ञापन की दुनिया से शुरुआत की थी। सूटकेस का पहला विज्ञापन था। वहीं मेरी मुलाकात अभिमन्यु रे से हुई, जिन्होंने मुझे क्लास ऑफ़ 83 के लिए ऑडिशन देने को कहा, मैंने उस फिल्म में खुद से बड़ी उम्र का किरदार निभाया, वह काफी चैलेंजिंग रहा, लेकिन मैं खुश हूँ कि अपने पहले काम में ही मैंने ऐसा कुछ किया। फिर लक्ष्मण उत्तेकर सर, जो इत्तु सी बात के निर्माता है, उन्होंने मुझे फिल्म देख कर फोन किया था कर उन्होंने कहा था, साथ काम करेंगे। इस फिल्म के लिए भी मेरा ऑडिशन हुआ और फिर जब मैं फाइनल हुआ, तो मुझे क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने को कहा गया, क्योंकि मेरे किरदार को इस फिल्म में ऐसा ही कुछ करना था।
बचपन में एक लड़की को दिया था तोहफ़ा
भूपेंद्र बताते हैं कि उन्होंने बचपन में पहली बार किसी लड़की को जब तोहफा दिया तो क्या हुआ था
वह कहते हैं
हमारी फिल्म इत्तु सी बात, स्मॉल टाउन इनोसेंस लव स्टोरी की दर्शाती है, ऐसे में मैं भी ऐसी ही प्रेम कहानी में बिलीव करता हूँ , मैंने जब नौवीं कक्षा में था, मैंने एक लड़की को एक किताब दिया था, उप्स आई फॉल इन लव, उसके साथ एक चॉकलेट भी। लड़की ने चॉकलेट को खाया, मुझे बाद में बड़े अपशब्द कहे कि ऐसी किताब क्यों दी, तब से किसी को भी ऐसे तोहफे देने की कोशिश नहीं की। वैसे, हमारी फिल्म में जैसा प्यार दिखाया गया है, वैसा ही इनोसेंस प्यार मेरा मानना है कि हर दौर में प्रासंगिक रहेगा, फिर चाहे कितना ही सोशल मीडिया आ जाये, प्यार के मायने हर दस साल में बदले हैं, फिर चाहे फिल्मों में हो या रियलिटी में। लेकिन छोटे शहर वाला प्यार आज भी वैसे ही है और उसकी एक अलग रिलेवेंस है, जो कनेक्ट करती है।
वाकई, भूपेंद्र से बात करके मुझे यही महसूस हुआ कि उनमें एक ठहराव भी है और अपने लक्ष्य को पाने का जुनून भी, लेकिन वह किसी हड़बड़ी में नहीं हैं और अपने मुकाम पर इसी जुनून से वह पहुंचेंगे भी। बहरहाल, उनकी फिल्म इत्तु सी बात, 17 जून 2022 को रिलीज हो रही है और मुझे लगता है कि इस फिल्म में उनके किरदार की जो मासूमियत है, वह सबका दिल जीत लेगी।