अपनी पहली फिल्म में ही उन्होंने अनोखा-सा किरदार निभाया। फिर एक बेहद रोमांटिक अंदाज में वह दर्शकों के सामने आये और एक बार फिर से वह एक्शन एंटरटेनर लेकर आ रहे हैं। दरअसल, उन्होंने यह ठान लिया है कि आप अगर उनको किसी किरदार में सीमित करने की कोशिश करेंगे, तो वह नहीं ठहरने वाले, उनकी एक ही सीमा है कि अभिनय में वह कोई सीमा नहीं रखना चाहते हैं, जी मैं बात कर रही हूँ, युवा दिलों में छा जाने वाले अभिनेता अभिमन्यु दसानी, जिन्होंने अब तक कम फिल्में की हैं, लेकिन दर्शकों के जेहन में वह बस गए हैं। उनसे बातचीत के बाद, मैंने तो महसूस किया है कि उनमें एक अलग आत्मविश्वास है, फ़िल्मी परिवार से होते हुए भी उन्होंने एक आउटसाइडर की तरह ही अपने लिए जगह बनाई है, उनकी आने वाली फिल्म निकम्मा के बहाने उन्होंने कई दिलचस्प बातचीत मुझसे की है, जिसके अंश मैं यहाँ शेयर कर रही हूँ।
मैं नानी को कॉपी नहीं करना चाहता था
अभिमन्यु इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि उन्हें अगर दर्शक किसी ब्रैकेट में डालने की कोशिश करेंगे, तो वह खुद उस ब्रैकेट को तोड़ देंगे और एक नए किरदार के माध्यम से दर्शकों के सामने आएंगे। इस बारे में वह विस्तार से अपनी बात रखते हैं।
वह कहते हैं
मैंने हमेशा से ही कहा है कि आप मुझे अगर किसी बॉक्स में रखने की कोशिश करेंगे, तो मैं उसे तोडूंगा ही। अगर आपको लगेगा कि मैं एक फेस्टिवल फिल्म वाला हूँ, तो मैं अगली ही फिल्म रोमांटिक करूँगा, आपको लगेगा कि सिर्फ धर्मा की फिल्म करता है, तो मैं आपको एक्शन कमर्शियल फिल्म दूंगा। मैं कभी स्लैप स्टिक कॉमेडी करूँगा, क्योंकि मैं खुद को किसी सीमा में बांधने वाला हूँ ही नहीं। हाँ, यह कॉन्शियस डिसीजन ही है। मैं खुद को एक्सप्लोर करना चाहता हूँ। मेरा मानना है कि एक एक्टर के लिए इस तरह का रिस्क लेना जरूरी है। मेरी पहली ही फिल्म अनकंवेंशनल थी, मेरी दूसरी रोमांटिक फिल्म भी अलग थी और यह निकम्मा फिल्म भी अलग है, क्योंकि इसमें सिर्फ लव स्टोरी नहीं है, बल्कि फैमिली वैल्यू है। देवर और भाभी के रिश्ते को दिखाया जा रहा है। मैंने इस फिल्म का ओरिजिनल नहीं देखा है, क्योंकि मैं फ्रेश सोच के साथ आना चाहता था, मैंने नानी( साउथ फिल्म स्टार) को हरगिज कॉपी नहीं करना चाहता था।
रीमेक की तुलना से कोई झिझक नहीं
अभिमन्यु मानते हैं कि निकम्मा रीमेक है, तो तुलना तो होगी, लेकिन वह इस बात से घबरा नहीं रहे हैं।
वह कहते हैं
रीमेक बनने के मेरे ख्याल से दो कारण होते हैं, अगर ओरिजिनल हिट होता है, तो ऐसा लगता है कि रीमेक भी हिट हो सकता है। हम अपने तरह से कहानी को कहने की कोशिश करते हैं और अपने तरह से ही करते हैं। कभी-कभी एक्शन नहीं, इरादा महत्वपूर्ण हो जाता है। जब मैंने यह फिल्म साइन की थी, उस वक़्त साउथ की फिल्में खूब अच्छा कर रही थीं, यह फिल्म 2020 में ही रिलीज होने वाली थी। मैंने खुद मीनाक्षी सुंदरेश्वर की, क्योंकि मैं साउथ के कल्चर को समझना चाहता था।
लोगों को लगता है कि मैं लकी हूँ
अभिमन्यु इस बात को स्पष्ट रूप से मानते हैं कि ऐसा नहीं हैं कि उन्हें मौके आसानी से मिले हैं।
वह बताते हैं
लोग ऐसा सोचते हैं कि मैं भाग्यश्री का बेटा हूँ, इसलिए मुझे मेरी पहली फिल्म मिली, लेकिन यह पूरा सच तो नहीं है, मैंने अपने सारे निर्देशकों से काम मांगते वक़्त कभी नहीं कहा या ऑडिशन देते वक़्त कि मैं भाग्यश्री का बेटा हूँ। लेकिन मैं खुश हूँ, मेरी जर्नी जिस तरह से जा रही है। मुझे ख़ुशी है कि मेरे निर्देशकों ने मुझे सपोर्ट किया है हमेशा। मेरी फिल्म निकम्मा के ट्रेलर लांच में मेरे साथ वसन बाला, विवेक सोनी, साबिर खान और उमेश शुक्ल सभी थे। ऐसा कितने कलाकारों के साथ होता है। यह सब मेरे काम की वजह से है। न कि भाग्यश्री का बेटा होने की वजह से।
मैंने खुद को कभी इनसाइडर नहीं माना है
अभिमन्यु का कहना है कि इंडस्ट्री का हिस्सा रहते हुए भी उन्होंने खुद को कभी इनसाइडर जैसा ट्रीट नहीं किया है।
वह कहते हैं
मैं कभी एक इनसाइडर नहीं रहा हूँ। मुझे इसका कभी कोई फायदा नहीं हुआ है। हर कोई कहता है कि नेपोटिज्म का मैं प्रोडक्ट हूँ। मुझे स्टार किड। सबने इस बात को मान लिया है बस। कभी कोई नहीं लिखता कि मैंने डेब्यूटेंट के रूप में इंटरनेशनल अवार्ड जीता, मेरी पहली फिल्म को कई अवार्ड्स मिले। लेकिन लोग सिर्फ बातें सुनाते हैं। कोविड लॉक डाउन के दौरान, मुझे इंस्टाग्राम पर इतनी भद्दी बातें और अपशब्द सुनने पड़ते थे कि मुझे उसे बंद करना पड़ा था, हर दिन सुबह उठ कर,मैं वह सब देख कर डिस्टर्ब हो गया था, किसी ने कभी मुझसे तो मेरे मन की बात नहीं जानना चाही। मेरी पहली फिल्म डिब्बा बंद होने के लगभग कगार पर थी, मेरी दूसरी फिल्म को कब की रिलीज हो जानी थी, अब हो रही है। तो फिर मुझे कैसे स्टार किड के रूप में फायदा हुआ है। मैं अब 32 साल का हूँ, और अब तक केवल तीन फिल्में ही की हैं। लेकिन इन सबके बावजूद मैं इसे स्ट्रगल नहीं मानता हूँ, एडवेंचर मानता हूँ।
वह आगे यह भी बताते हैं
मैंने अपने पेरेंट्स से एक समय के बाद पैसे लेने बंद कर दिए थे। मैं खुद अपना खर्चा उठाता था। मैं कई बार रिक्शा के पैसे नहीं होने पर, मैं पैदल चला जाता था। शायद यही वजह है कि मैं मिडिल क्लास किरदार को अच्छी तरह से निभा पाता हूँ। मैं जिम के खर्चे अपने लिए खुद निकालता था। मैं पढ़ने में हमेशा से अच्छा था, लेकिन इसके बावजूद मैं कभी बाहर जाकर नहीं पढ़ा, क्योंकि मैं अपने पेरेंट्स के पैसे पर नहीं जाना चाहता था। मैंने शुरू में कई सारे इवेंट्स, एक्सपोर्ट बिजनेस और काफी कुछ किया है अपनी अर्निंग्स के लिए। मैंने मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग क्लॉसेज भी दिए हैं। फिर मैं जानना चाहता हूँ कि मुझे स्टार किड के रूप में क्या फायदे मिले।
वाकई, अभिमन्यु से बातचीत के बाद मुझे एक बात तो समझ में आई है कि स्टार किड्स को हमेशा टारगेट करना, सोशल मीडिया पर एक बेवजह का ट्रेंड बन चुका है, जबकि इन्हें भी कम मेहनत नहीं करनी पड़ती है। लेकिन अभिमन्यु को भी दाद देनी होगी कि वह जिस तरह से ऐसी सिचुएशन को खुद हैंडल कर रहे हैं और फिर भी बिंदास रह रहे हैं, मैं तो अभिमन्यु आपको यही कहूँगी कि आप युवाओं के लिए एक प्रेरणा हो, जो फ़िल्मी दुनिया में आना चाहते हैं, आपकी जर्नी में ऐसी कई बातें हैं, जो सीखने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि आपकी फिल्म निकम्मा, जो कि 17 जून 2022 को रिलीज होने वाली है, जरूर दर्शकों को पसंद आएगी।