किसी एक शो में ही ऐसा किरदार निभा जाना कि वह किरदार ही उनका पर्याय बन जाए, मेरा मानना है कि हर एक कलाकार की यही चाहत होती है और आनंदी उर्फ़ अविका गौर ने आनंदी के रूप में बालिका वधु से वहीं पहचान हासिल की, लेकिन मुझे अविका की यही खासियत आकर्षित करती है कि उन्होंने खुद को किसी एक किरदार में नहीं बांधा, खुद को सीमित नहीं किया। वह न वर्तमान दौर में सिर्फ विक्रम भट्ट जैसे निर्देशकों के साथ हिंदी फिल्म में काम कर रही हैं, बल्कि तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में भी उन्होंने पहचान बना ली है। यही नहीं, मेरा मानना है कि शायद वह सबसे कम उम्र की अभिनेत्री होंगी, जिन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस की भी शुरुआत की है। कम उम्र में ही उन्होंने कई मुकाम हासिल कर लिए हैं, ऐसे में उन्होंने मुझसे खास बातचीत में अपने अब तक के करियर और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बातें की हैं। मैं यहाँ उसके अंश शेयर कर रही हूँ।
‘1920: हॉरर्स ऑफ द हार्ट’ से रख रही हैं हिंदी फिल्मों में कदम
अविका गौर ने विक्रम भट्ट की फिल्म ‘1920: हॉरर्स ऑफ द हार्ट’ से हिंदी फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने का मन बना लिया है।
वह इस बारे में कहती हैं
मुझे यह एहसास है कि मुझसे जो मेरे फैंस जुड़े हैं, उनको कितनी और क्या उम्मीदें हैं, तो मेरी कोशिश है कि मैं उनको निराश नहीं करूँ, इस फिल्म में मुझे खुद को साबित करने का मौका मिला है। वैसे मैं तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में जो भी क्राफ्ट के बारे में सीखा है, अब वह यहाँ काम आएगा और मैं प्रोजेक्ट को लेकर काफी उत्साहित हूँ। मैंने चार और तेलुगू फिल्मों में भी काम कर रही हूँ।
तेलुगू फिल्मों में ठोस किरदार निभाए हैं
अविका बताती हैं कि उन्होंने तेलुगू फिल्मों की तरफ रुख इसलिए भी किया, क्योंकि उन्हें अच्छे ऑफर मिलने लगे थे। अविका बताती हैं कि उन्होंने काफी ठोस किरदार निभाए हैं .
वह बताती हैं
मुझे तेलुगू फिल्मों में हमेशा अच्छी फिल्मों के ऑफर मिले हैं, मैंने यह कॉन्सस डिसीजन भी रखा कि मैं किसी ऐसी ही फिल्मों का हिस्सा नहीं बनूँगी, जहाँ मेरे करने के लिए कुछ हो न हो, मैंने हमेशा ऐसी फिल्मों का चुनाव किया, जहाँ महिला किरदार को तवज्जो दी गई है, इसलिए मेरे फैंस भी इस बात को अब समझते हैं कि मेरी कोई फिल्म होगी, तो यूं ही नहीं होगी। तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में मैंने एक अच्छी पहचान बना ली है। मेरे सामने कोई बड़े एक्टर हों और स्क्रिप्ट अच्छी न हो तो, मैं उस फिल्म की बजाय नए निर्देशक के साथ अपने लिए अच्छे किरदार वाला अभिनय करना पसंद करूंगी।
वह आगे बताती हैं
तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में लोग काफी प्रोफेशनल हैं और अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करते हैं, सबसे खास बात यह है कि वह काफी विनम्र होते हैं और अपने को-स्टार का बेहद ख्याल रखते हैं। मेरी फिल्में अब ओटीटी की वजह से मेरे टीवी की दुनिया से बने फैंस भी देख रहे हैं और इसकी वजह से मेरा एक अलग फैन बेस बन गया है। मैंने जिन लोगों के साथ भी काम किया है, उनमें राज तरुण, निखिल सिद्धार्थ और कल्याण देव जैसे एक्टर्स मेरे खास दोस्त भी बने। खास बात यह रही है कि हमारी दोस्ती फिल्मों के बाद भी जारी है।
अपने प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत से खुश हूँ
बेहद कम उम्र में अविका ने अपने एक प्रोडक्शन हाउस की भी शुरुआत कर दी है।
वह इस बारे में विस्तार से कहती हैं
मैं हमेशा से अभिनय के अलावा निर्देशन, राइटिंग और पर्दे के पीछे की चीजें करते रहना पसंद करती हूँ। इसलिए मुझे लगा और मुझे मौका मिला तो मैंने प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। फ़िलहाल मैंने तेलुगू फिल्म के निर्माण से शुरुआत की, क्योंकि वहां मेरा एक फैन बेस बन गया है। वैसे मैंने जल्द ही हिंदी फिल्मों के प्रोडक्शन पर भी काम शुरू करूंगी। वैसे मैंने और मेरे सिमर शो में मेरे को-स्टार रहे मनीष ने काफी शॉर्ट फिल्मों पर भी काम किया था, तो वहां से एक कॉन्फिडेंस तो आया।
टीवी एक्टर्स को हीन भावना से देखना गलत
अविका कहती हैं कि उन्हें जो कुछ भी मिला है, टीवी ने ही दिया है और उन्हें कोई टीवी एक्टर से टैग करता है तो वह गर्व महसूस करती हैं, क्योंकि टीवी में काम करना आसान नहीं है।
वह कहती हैं
टीवी एक्टर्स को लेकर हमेशा यह बातें आती हैं, उन्हें हीन दृष्टि या कमतर आंक देते हैं कई बार, जबकि हकीकत यह है कि जिन्होंने भी टीवी में काम किया है न, वह दुनिया में कहीं भी काम कर सकते हैं, क्योंकि फिल्मों में केवल दो से तीन महीने का काम होता है। फिर फिल्म हिट हो या फ्लॉप एक्टर्स दूसरे काम में लग जाते हैं, टीवी में हर दिन कुछ न कुछ नया होता है, हर दिन घंटों की शिफ्ट करनी होती है, सोने-जागने, खाने -पीने किसी भी चीज का ठिकाना नहीं होता है, कई बार तो उसी दिन स्क्रिप्ट मिलती है, काफी कुछ टफ होता है। ऐसे में मैं तो यही कहूँगी कि मैं प्राउड फील करती हूँ कि वहां का अनुभव मुझे काम आया है, जब मैंने फिल्मों में शुरुआत किया है, मेरे सिर्फ एक किरदार को लोगों ने अबतक संभाल कर रखा है, मेरे टीवी के फैंस ही लॉयल फैंस हैं। मेरा तो एक ही सवाल है कि अगर टीवी इतना बड़ा नहीं होता तो सलमान खान और रणवीर सिंह से मेगा स्टार्स, उस पर आकर शो होस्ट नहीं करते। टीवी की दुनिया ने मुझे अपार अनुभव दिया है, सफलता दी है और मैं उसका हमेशा सम्मान करूंगी, मुझे कोई टीवी टैग से बुलाये, मुझे परेशानी नहीं है, क्योंकि मैं इस ग्लैमर के पीछे की मेहनत को जानती हूँ, आर्टिस्ट की दुनिया के। तेलुगू फिल्मों में भी लोगों ने मुझे इसलिए लेना शुरू किया कि उन्हें एक फिक्स्ड ऑडियंस मिलती है।
सोशल मीडिया पर कभी फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया
अविका कहती हैं, उनके फैंस लॉयल हैं और वास्तविक हैं, सोशल मीडिया पर भी।
वह बताती हैं
मैंने कभी सोशल मीडिया को बहुत हावी अपनी दुनिया में होने नहीं दिया है, मैंने आज तक अपने फॉलोवर्स बढ़ने के लिए कोई तिड़कमबाजी नहीं की है, कभी हद से अधिक निजी जिंदगी को भी हावी नहीं होने दिया है ,ऐसे में जब यह खबरें सुनती हूँ कि फॉलोवर्स के बेसिस पर किसी को काम मिल रहा है और जो एक अच्छा एक्टर है, चूँकि फॉलोवर्स नहीं हैं, तो काम नहीं दिया जा रहा, यह मुझे बिल्कुल बेबुनियाद बात लगती है। बाकी की बात नहीं कह सकती, मैं सोशल मीडिया को गंभीरता से नहीं लेती हूँ।
सोशल मीडिया मेरे साथ रही है अच्छी
अविका कहती हैं कि उन्हें ट्रोल्स का सामना नहीं करना पड़ा है।
वह बताती हैं
मेरे टीवी के फैंस ने कभी मेरे साथ सोशल मीडिया पर बदतमीजी नहीं की, बल्कि एक महिला ने तो मुझे पर्सनल आकर मुझे मेसेज किया सोशल मीडिया पर कि अविका, हम समझ रहे हैं आप बड़ी हो रही हो, इसलिए आपको अपनी डायट पर ध्यान देना चाहिए, हम आपकी इसमें मदद कर सकते हैं, मुझे उस महिला का कंसर्न बहुत ही अच्छा लगा, तो मेरा अनुभव बुरा नहीं है सोशल मीडिया के साथ।
परिवार ने बनाया है डाउन तो अर्थ
अविका कहती हैं कि उनके परिवार वालों ने उन्हें डाउन टू अर्थ बना कर रखा है।
वह बताती हैं
मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मुझे इंडिपेंडेंट रहने की मंजूरी दी है, शुरुआत से ही। हाँ, लेकिन मेरे सपोर्ट सिस्टम रहे हैं और कभी स्टारडम को उन्होंने मुझ पर हावी नहीं होने दिया है। घर में मैं आज भी बच्ची की तरह ही ट्रीट होती हूँ और मेरे निर्णय मैं खुद ही लेती हूँ।
हर लैंग्वेज की फिल्मों को करना है एक्सप्लोर
अविका ने इस बारे में भी कहा कि कजाकिस्तान की फिल्म में उनको काफी लोकप्रियता और प्यार मिला।
वह कहती हैं
मैं हर तरह की भाषाओं में काम करना चाहती हूँ, मैं इमोशनल ड्रामा जैसे हैशटैग ब्रो मेरी फिल्म आई थी, वैसी फिल्में और करना चाहूंगी, मैं हर लैंग्वेज में काम करना चाहूंगी।
वाकई में, मुझे तो विश्वास ही नहीं होता है कि कितनी कम उम्र में अविका ने कितना मुकाम हासिल कर लिया है और कितनी मच्योरिटी से वह अपने जवाब देती हैं, इससे यह स्पष्ट होता है कि अनुभव के उम्र की नहीं, अक्ल की जरूरत होती है, मुझे तो पूरा यकीन है कि अविका भविष्य में भी अपना और बेस्ट ही देंगी और बेहतरीन व उम्दा काम और प्रोडक्शंस करती रहेंगी। फिलहाल उनकी हिंदी फिल्म डेब्यू का इंतजार है।