लॉक डाउन के दौरान, अचानक एक असली नायक उभरे, सोनू सूद के रूप में। अभिनेता सोनू सूद ने हर तरह से लोगों की मदद की, सड़क पर वह उतर आये। लगातार लोगों के बीच जाकर काम किया और नतीजा यह हुआ कि वह सबसे बड़े जन नायक बन गए। ऐसे में आलम अब यह हो गया है कि सोनू, जो कि नेगेटिव किरदारों को निभाने के लिए अधिक जाने जाते थे, अब उन्हें दो सालों से वैसे रोल ही ऑफर नहीं हुए हैं। इन दिनों वह ‘सम्राट पृथ्वीराज ‘ में चंद्र वरदाई के किरदार को लेकर चर्चे में हैं। ऐसे में उन्होंने कुछ खास बातचीत की है, उससे जुड़े अंश यहाँ शेयर कर रही हूँ।
बच्चे देखेंगे तो उन्हें मजा आएगा
सोनू सूद, चंद्र वरदाई के किरदार को लेकर काफी उत्साहित है।
वह कहते हैं
मेरी माँ इतिहास और इंग्लिश की प्रोफेसर रही हैं, उनसे मैंने काफी कहानी सुनी थी पृथ्वीराज और चंद्रवरदाई के बारे में, लेकिन कभी ऐसा नहीं सोचा था कि आगे चल कर यह किरदार निभाने का मौका मिलेगा। चंद्रवरदाई का पृथ्वीराज की जिंदगी में काफी महत्वपूर्ण स्थान था, वह एक कवि भी थे, दोस्त भी थे और एक एस्ट्रोलॉजर भी थे, वह कह देते थे कि युद्ध होगा, तो युद्ध होता ही था, नहीं कहते थे, तो नहीं होता था। यह जो इंसान है, वह भविष्य देख सकता है। यह सब जो फिल्मों में दिखाया गया है, वह कमाल की बात है और मुझे लगता है कि आज की जेनरेशन को यह सब कुछ दिखाया जाना चाहिए। पहले हमें माता-पिता कहानियां सुनाते थे, अब बच्चे सोशल मीडिया के जरिये अपनी कहानी देख लेते हैं, ऐसे में हमने फिल्म के बहाने कहानी कहने की कोशिश की है।
अब शिकायती मोड से बाहर निकल चुका हूँ
सोनू सूद का साफ़ कहना है कि अब मैं उस दौर से निकल चुका हूँ, जहाँ किसी को भी बैठ कर कोसूं, वह अपनी जर्नी पर विस्तार से कहते हैं।
वह कहते हैं
अब जब मुंबई में बिना माई बाप के आते हैं, तो आप तैयार होकर आये तो अच्छा होता है कि आपको फिल्में मिलने में परेशानी होगी, स्ट्रगल करना होगा। मैं भी इस बात से वाकिफ रहा हूँ। यहाँ कोई आपको आगे बढ़ते नहीं देखना चाहता, हजार लोग पैर खींचने को तैयार रहते हैं। तो यहाँ को लेकर मेरा मानना यह है कि आप कितनी जल्दी सफल होते हैं, वह मायने नहीं रखता है, बल्कि आप उस सक्सेस के दरवाजे तक पहुँचने के लिए कितने दिनों तक सरवाइव कर सकते हैं, वह मायने रखता है। मुझे शुरू में लगा था कि अगर मैं एक डेढ़ साल में अगर कुछ नहीं हुआ, तो लौट जाऊंगा। लेकिन फिर समझ आया, यहां समय लगेगा। मैं अब दोष देने या शिकायती मोड से बाहर निकल चुका हूँ। मुझे लगता है कि जिंदगी फिल्मों से बहुत ऊपर है, उससे महत्वपूर्ण भी कई चीजें हैं, तो हमें उस तरफ भी देखना चाहिए।
अब नेगेटिव किरदार कम ऑफर होते हैं
आम लोगों के महानायक बनने के बाद फिल्मों के ऑफर किस तरह के आ रहे हैं। इस पर भी सोनू सूद ने अपनी राय रखी है
वह बताते हैं
मुझे अब पॉजिटिव फिल्में और देश भक्ति की फिल्में अधिक ऑफर होने लगी हैं, अब मेकर्स को भी लगने लगा है कि सोनू को नेगेटिव किरदार में लोग स्वीकारेंगे नहीं। कुछ लोग इमेज बनाते हैं और खुद तोड़ते हैं। पिछले दो सालों से मुझे कोई भी नेगेटिव किरदार ऑफर नहीं हुए हैं। मैं फिलहाल अपनी सेकेण्ड इनिंग को एन्जॉय कर रहा हूँ, मैं अपनी एक फिल्म फ़तेह की शूटिंग अगले महीने से शुरू कर रहा हूँ, यह भी एक कमाल की स्क्रिप्ट है, जिस पर मैं पिछले एक साल से काम कर रहा हूँ।
आम लोगों से जुड़ कर आता है मजा
सोनू कहते हैं कि वह चाहे जितनी भी फिल्में कर लें, उन्हें सबसे अधिक अगर मजा आता है, तो आम लोगों के साथ आम तरह से जीकर।
वह बताते हैं
मैं जो कुछ भी आम लोगों या जरूरतमंद लोगों के साथ कर रहा हूँ, वह इसलिए नहीं करता कि मुझे कोई वाहवाही चाहिए, मैं करता हूँ, क्योंकि ख़ुशी मिलती है। मुझसे कई सेलेब्स पूछते हैं कि इस काम में कितना समय देना होगा, मैं कहता हूँ कि हमेशा अलर्ट रहना होगा, इमरजेंसी कभी भी आ सकती है, तो वह फ़ौरन कहते हैं कि इतना समय तो नहीं दे पाएंगे, कई लोग जोश में आकर कहते हैं कि आपका साथ देना चाहते हैं, लेकिन फिर घर जाने के बाद भूल जाते हैं। मैं वैसे लोगों से नहीं जुड़ना चाहता।
वाकई, सोनू आपने जिस तरह से नि : स्वार्थ होकर, जरूरतमंदों की मदद की है, आपका आम लोगों का नायक बनना लाजिमी है। ऐसे में निश्चित तौर पर आपके फैंस आपके रील लाइफ किरदार को भी ‘सम्राट पृथ्वीराज ‘जो कि 3 जून 2022 को रिलीज हो रही है, उसमें भी जरूर पसंद करेंगे, मुझे इस बात का पूरा यकीन है। मैं सच कहूँ, तो सोनू के किरदार को देखने के लिए लम्बे समय से इस फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रह रही हूँ।