सलीम खान ने अक्षय कुमार को लेकर हमेशा यह बात कही है कि अक्षय कुमार में वह सारे गुण हैं, जिसकी वजह से वह अपने समकक्ष के सारे सितारों से आगे रहेंगे। बहरहाल, अक्षय कुमार ने इंडस्ट्री में 30 बेमिसाल साल पूरे कर लिए हैं। ऐसे में उन्होंने अपने करियर में अनुशासन को खास तौर से अहमियत दी है। यही वजह है कि वह 30 साल के बाद भी फ्रेशनेस के साथ फिल्में करते हुए नजर आते हैं। इन दिनों वह अपनी फिल्म ‘पृथ्वीराज ‘को लेकर काफी उत्साहित हैं और मुझे ट्रेलर के बाद, पूरी उम्मीद भी नजर आ रही है कि दर्शक उन्हें योद्धा ‘पृथ्वीराज ‘के रूप में जरूर पसंद करेंगे। ऐसे में उन्होंने फिल्म और अपनी जिंदगी के कुछ अहम पहलुओं पर बातचीत की है, मैं यहाँ उसके अंश शेयर कर रही हूँ।
शुरुआत में मैं कन्विंस नहीं था कि पृथ्वीराज बन सकता हूँ
अक्षय कुमार ने यह बात स्वीकारी है कि शुरू में उन्हें ऐसा नहीं लगा था कि वह इस किरदार में फिट बैठेंगे।
वह इस बारे में विस्तार से बताते हैं
जब मुझे फिल्म के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि वह मेरे साथ यह फिल्म बनाना चाहते हैं, मैं बहुत अधिक कन्विंस नहीं था, वह एक राजा हैं और मैं खुद को उस इमेज में नहीं देख पाता हूँ। मैंने उनसे कहा कि मैं इमेज से मेल नहीं खा रहा हूँ। उन्होंने मुझे बताया कि किसी के पास भी वास्तविक इमेज नहीं है, हर किसी के इमेजिनेशन में ही हैं वह। पृथ्वीराज का देहांत महज 36 साल में हो गया था और उन्होंने अपनी जिंदगी युद्ध लड़ते हुए दी। उन्होंने मुझे कन्विंस किया कि एक योद्धा कभी मोटे कद-काठी के नहीं होंगे, वह एक एथलीट भी रहे, मैं फिर उनके ऑब्ज़र्वेशन के बारे में सुन कर हैरान हो गया। वह युद्ध के मैदान में 35 किलो के आर्मर पहन कर रह जाते थे। सो, मुझे डॉक्टर साहब ने कन्विंस कर ही लिया। उन्होंने इस कहानी को 18 साल दिए हैं, इस कहानी की खासियत यह भी लगी कि यह एक प्रोग्रेसिव सोच रखने वाले योद्धा की कहानी है, जो महिलाओं का सम्मान करते थे। पृथ्वीराज अपनी पत्नी को बराबर का दर्जा देते थे और कहते थे कि हम मिल कर शासन करेंगे। ये बातें मुझे कहानी में आकर्षित कर गयीं।
ऐसा एक्शन पहले नहीं किया है
अक्षय कुमार एक्शन के खिलाड़ी माने जाते हैं, लेकिन उनका कहना है कि पृथ्वीराज में उन्होंने अलग तरह का एक्शन किया है।
वह बताते हैं
मैंने अपने करियर में ऐसा एक्शन कभी नहीं किया है, खासतौर सीक्वेंस जो इस फिल्म के शुरुआती और आखिरी दृश्यों में हैं। मैंने केसरी में कुछ कुछ ऐसा एक्शन किया था, लेकिन इस फिल्म में आर्मर पहन कर फाइट सीक्वेंस करना आसान नहीं था। मुझे याद है, मेरी माँ पृथ्वीराज की कहानियां सुनाती थीं, उनकी वीरता की कहानी काफी इंस्पायर करती थीं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं वह किरदार निभाऊंगा, काश ! मैं यह फिल्म अपनी माँ को दिखा पाता।
रॉ एक्शन को मिस करता हूँ
अक्षय ने यह भी कहा कि पहले रॉ एक्शन फिल्मों में होते थे, अब स्पेशल इफेक्ट्स से सारे काम हो जाते हैं, लेकिन वह इस मोमेंट को मिस करते हैं।
वह बताते हैं
हाँ, मैं उस एक्शन को मिस करता हूँ, उस वक़्त जो रॉनेस था, हम सारे एक्शन खुद से करते थे। वीऍफएक्स ने काफी लोगों को लेथार्जिक बना दिया है और वह सारे फन छीन लिए हैं, लेकिन यह भी सच है कि वीएफएक्स जरूरी है, क्योंकि पृथ्वीराज चौहान जैसे किरदारों पर जब फिल्में या बायोपिक बनती हैं, तो काफी कुछ रिक्रिएट जाता है और वह यूं ही क्रिएट करना संभव नहीं है। यहाँ हमें तकनीकी मदद लेनी ही पड़ती है।
वाकई, अक्षय कुमार की इस फिल्म के ट्रेलर में उनके एक्शन को देख कर मैं तो हैरान हूँ , मुझे पूरी उम्मीद है कि दर्शक उन्हें इस फिल्म में जरूर पसंद करेंगे। फिल्म 3 जून 2022 को रिलीज हो रही है।