काफी समय से इस फिल्म को लेकर मैं उत्साहित थी, वजह यह थी कि इस फ्रेंचाइजी की पहली फिल्म में अक्षय कुमार और विद्या बालन ने शानदार परफॉर्मेंस दिया था। ऐसे में जब भूल भुलैया 2 में कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी जैसे लोकप्रिय कलाकार आये, तो जाहिर है कि फिल्म को देखने के लिए बेताबी बढ़ेगी ही। ऐसे में अब फिल्म रिलीज हो चुकी है। मुझे फिल्म की सबसे ख़ास बात यह लग रही है कि लम्बे समय के बाद, एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म आई है, जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है। फिल्म में तब्बू के शानदार परफॉर्मेंस के साथ कार्तिक आर्यन का एक अलहदा स्वैग है, तो कियारा की सादगी भी है। संजय मिश्रा और राजपाल यादव जैसे कलाकारों की लाफ्टर राइड इस फिल्म में आपका पूरा मनोरंजन करेगी, मैं ऐसा क्यों कह रही हूँ, इसके बारे में विस्तार से यहाँ बता रही हूँ। फिल्म में लाफ्टर भी है, हॉरर भी है और साथ ही इमोशन का भी फूल डोज है।
क्या है कहानी
कहानी रीत( कियारा आडवाणी) और रूहान ( कार्तिक आर्यन) की मनाली में हुई संयोग से हुई मुलाकात से होती है, जहाँ रीत अपना फोन डैमेज कर बैठती है और फिर वह रूहान की मदद से अपने घर में कॉल करती है, घर में रीत की शादी की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन रीत भी शादी नहीं करना चाहती है, ऐसे में अचानक कहानी में ट्विस्ट आता है और रीत खुद को मरा हुआ साबित कर देती है। वह बस चाहती है कि उसकी बहन की शादी उस लड़के से हो जाये, जिससे उसके पेरेंट्स उसकी शादी कराना चाहते थे। ऐसे में वह तय करती है कि वह अपने पुस्तैनी हवेली में जायेगी, जिसे मंजुलिका नामक चुड़ैल की वजह से बंद कर दिया है, लेकिन उसकी प्लानिंग तब काम नहीं करती, जब छोटा पंडित ( राजपाल यादव) जाकर, ढिंढोरा पीट देता है कि हवेली में बत्ती जल रही है, ठाकुर परिवार जो लम्बे समय से इस हवेली से दूर था, पूरा परिवार वहां आता है और रूहान के दिमाग में एक प्लान आता है। वह गांव वालों को विश्वास दिला देता है कि वह आत्माओं से बात करता है और रीत की आत्मा ने उसे वहां भेजा है। ऐसे में पूरे गांव में यह खबर फ़ैल जाती है, तो रूहान का रूह बाबा बनने के इस सफर में क्या ट्विस्ट और टर्न आते हैं, वे फिल्म में रोचक पड़ाव हैं।इस परिवार की जान अंजुलिका( तब्बू) भाभी में बसती है, वह पूरे परिवार का ख्याल रखती हैं, ऐसे में यहाँ से कहानी किस तरह से यहाँ से कहानी मोड़ लेती है और इस हवेली में क्या-क्या चीजें होती हैं, कौन है मंजुलिका। वह क्या चाहती है, यह सब मैंने बता दिया तो इस फिल्म का पूरा मजा किरकिरा हो जायेगा। फिल्म में एक अच्छा सस्पेंस भी है, जो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।
बातें जो मुझे पसंद आयीं
- फिल्म के निर्देशक अनीस बज्मी ने मुझसे अपनी बातचीत में यह बातें कही थी कि कहानी पूरी तरह से भूल भुलैया 1 जैसी नहीं होगी, उन्होंने इस बात के साथ न्याय किया है, कहानी पूरी तरह से अलग है, शायद इसलिए इस नयी कहानी में फ्रेशनेस नजर आती है।
- कहानी में निर्देशक ने हॉरर और कॉमेडी का जो संगम किया है, वह दिलचस्प है, ऐसे कई दृश्य हैं, जो काफी रोमांचक हैं, तो कुछ सीन्स गजब के हिलेरियस हैं। खासतौर से निर्देशक ने फिल्म के सह कलाकारों में बड़े पंडित संजय मिश्रा और उनकी पत्नी अश्विनी के किरदार और छोटा पंडित, राजेश कुमार, जिन्होंने चाचा का किरदार निभाया है और पपलू के रूप में बाल कलाकारों को फिल्म में निखरने का खूब मौका दिया है, उनकी वजह से फिल्म में कई बेहतरीन हास्य दृश्य बने हैं।
- कार्तिक आर्यन को रूह बाबा के रूप में इस्टैब्लिश करने में अनीस ने जो स्वैग उन्हें दिया है, वह काफी रोचक है।
- कहानी में सस्पेंस भी मुझे काफी अच्छा लगा है, जो आपको क्लाइमेक्स में ही पता चलेगा।
- कहानी के हिसाब से लोकेशन भी काफी शानदार चुना गया है।
- फिल्म में कुछ किरदारों और पुरानी फिल्म का आमी जे तोमार सांग होना नॉस्टैलिजिक फीलिंग भी देता है।
- फिल्म में कुछ वन लाइनर में जबरदस्त पंच है
अभिनय
कार्तिक आर्यन की मेहनत इस फिल्म में मुझे पूरी तरह से नजर आयी है। उन्होंने इस फिल्म में खुद को पूरी तरह से निखारा है, जहाँ वह गानों में डांस करते हुए डैसिंग नजर आये हैं, वहीं रूहान से रूह बाबा बनने के क्रम में वह दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब होते हैं। मास एंटरटेनर के रूप में वह इस फिल्म में बखूबी उभरेंगे। वहीं, कियारा आडवाणी ने बड़ी ही सादगी से अपने किरदार को जिया है, कियारा के अभिनय की यूनिकनेस है कि उनमें ग्लैमर कोशेंट के साथ-साथ एक ट्रेडिशन फैक्टर है, जो कि इस फिल्म में वर्क करता है। उनके किरदार से हर उम्र के दर्शक रिलेट करेंगे। इस फिल्म में सरप्राइज पैकेज हैं तब्बू। अब तब्बू के अभिनय की तो मैं मुरीद रही हूँ, मुझे तो लगता है कि तब्बू ऐसा कोई किरदार नहीं, जिसमें वह बेस्ट न दिखती हों, इस फिल्म में भी उन्होंने पूरा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। राजपाल यादव के लिए मैं खुश हूँ, लम्बे समय के बाद वह अपने फॉर्म में नजर आ रहे हैं। अश्विनी और संजय मिश्रा को भी इस बार फिल्म में कुछ अलग करने को मिला है। मिलिंद गुनाजी का काम भी ठीक है।
बातें जो बेहतर होने की गुंजाइश रखती हैं
फिल्म में तब्बू का अहम किरदार है और तब्बू शानदार अभिनेत्री भी हैं, ऐसे में उनके किरदार से मैं और अधिक कुछ उम्मीद कर रही थी, उनके किरदार को और अधिक निखरने का मौका दिया जाता तो उनका किरदार और अधिक दर्शकों को आकर्षित करता। फिल्म का फर्स्ट हाफ जबरदस्त है, सेकेण्ड हाफ में रोमांच में थोड़ी कमी आती है, उसे और रोचक बनाया जा सकता था, क्लाइमेक्स जबरदस्त है, लेकिन उसे बिल्ड अप करने में और खत्म करने में थोड़ी जल्दबाजी कम होती तो और कहानी रोचक लगती।
कुल मिला कर, हाल के दौर में यह दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब होगी, इन दिनों दर्शक कॉमेडी फिल्में कम देख पा रहे हैं, ऐसे में कार्तिक और कियारा की फ्रेशनेस और तब्बू का शानदार अभिनय इस फिल्म में अट्रेक्ट करेगा। और सबसे अच्छी बात यह है कि लम्बे समय के बाद, कोई फिल्म आई है, जिसे पूरे परिवार के साथ देख कर एन्जॉय कर सकते हैं।