आज रणवीर सिंह की फिल्म ‘जयेशभाई जोरदार’ रिलीज हो रही है। फिल्म में उन्होंने एक ऐसे गुजराती नायक का किरदार निभाया है, जो अपने पिता की रूढ़िवादी सोच के बीच पला-बढ़ा है और न चाहते हुए भी उसे जेंडर बायेसनेस जैसी रूढ़िवादी सोच के साथ खड़ा होना ही पड़ता है। ऐसे में यह नायक क्या कदम उठाता है, यह तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन मैं जब रणवीर को बतौर हीरो देखती हूँ, तो वर्तमान दौर के नायकों में मुझे कम कलाकार ही ऐसे नजर आते हैं, जो अपने किरदार में ढलने के लिए काफी मेहनत करते हैं। मैं याद करती हूँ, तो फिर ‘रामलीला’ का राम भी गुजराती किरदार था और उसको जिस खूबसूरती से दर्शाया है, उसके बाद इस जयेशभाई की बॉडी लैंग्वेज को पकड़ लेंगे, यह मुझे आश्चर्यजनक बात नजर लगी थी। एक एकदम रस्टिक, रुड और स्वैग वाला किरदार, एक एकदम अंडर प्ले, लेकिन दोनों में ही वह खूब जमे हैं। ऐसे में मैं रणवीर की लेटेस्ट रिलीज फिल्म के बहाने, उनके अब तक के बेस्ट किरदारों की फेहरिस्त पर एक नजर डाल रही हूँ।
खिलजी खलनायक बन कर भी छा गए रणवीर
रणवीर सिंह ऐसे युवा कलाकारों में से एक रहे हैं, जिन्हें नेगेटिव किरदार निभाने में भी कोई झिझक नहीं रही, उन्होंने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ में खिलजी का किरदार बखूबी निभाया और खलनायक बन कर वह नायक पर भारी पड़े।
गल्ली बॉय के रैपर
इस फिल्म में रणवीर ने इस कदर एक आम स्लम में रहने वाले, आम लड़के के अंदाज को पर्दे पर इस तरह से उकेरा है कि दर्शक उन्हें देख कर, पूरी तरह से हैरान ही हुए हैं। मुझे तो उनका यह अंदाज भी बेहद खास लगा था, वह पूरी तरह से किरदार में ढल गए हैं।
भंसाली के बाजीराव
संजय लीला भंसाली ने जिस तरह से रणवीर सिंह को ‘बाजीराव मस्तानी ‘ में बाजीराव की आवाज, बॉडी लैंग्वेज, वो एट्टीट्यूड दिया है, वह सब रणवीर सिंह ने पूरी शिद्दत से जिया है, उन्हें देख कर यकीन करने का जी चाहता है कि बाजीराव वैसे ही रहे होंगे।
जयेशभाई जोरदार
‘जयेशभाई जोरदार’ में रणवीर सिंह ने एक आम आदमी का किरदार निभाया है और उन्होंने अपने बॉडी लैंग्वेज से बखूबी पकड़ा है पूरे किरदार को, उन्होंने अच्छा एक्सपरिमेंट किया है, वह लार्जर देन लाइफ भूमिकाओं से बाहर आये हैं।
83
’83 ‘ देखते हुए आपको कभी इस बात का एहसास नहीं होता है कि आप रणवीर सिंह को देख रहे हैं। कपिल देव की बॉडी लैंग्वेज पर उन्होंने कमाल का काम किया है। उनका यह अंदाज कई वर्षों तक याद रखा जाएगा।
गोलियों की रास लीला-राम लीला
एक अय्याश से प्रेमी और फिर एक सत्ता को सँभालने वाले शासक को कैसा होना चाहिए, इस फिल्म में खूबसूरती से देखा जा सकता है। इस फिल्म में काफी लेयर्स हैं और रणवीर ने हर लेयर को बखूबी दर्शाया है। इसलिए यह किरदार भी रणवीर के किरदार के लिए याद किया जाएगा।
दिल धड़कने दो का कॉम्प्लेक्स किरदार
एक एलिट परिवार में क्या चीजें होती हैं, इसे रणवीर ने अपने किरदार से जोया अख्तर की फिल्म ‘दिल धड़कने दो ‘के माध्यम से दर्शाया है। उनका किरदार कम संवादों में भी दिल के करीब पहुँच जाता है।
कुल मिला कर, देखूं तो रणवीर एक ऐसे कलाकार हैं, जो हर किरदार में कुछ नयापन लाते हैं, एक्सपेरिमेंट करते हैं और खुद को रिपीट नहीं होने देते हैं। इसलिए मैं उनको वर्तमान दौर का स्टाइलिश और साथ-साथ किरदार में ढल जाने वाला एक्टर मानती हूँ।