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Javed Jaffrey ! बूगी- वूगी में हमने जो किया है, वह सब ओरिजिनल होता था स्क्रिप्टेड नहीं, वह दौर अलग ही दौर था

Javed Jaffrey ! बूगी- वूगी में हमने जो किया है, वह सब ओरिजिनल होता था स्क्रिप्टेड नहीं, वह दौर अलग ही दौर था

Anupriya Verma

मैंने जब होश संभालना शुरू किया था, तो मेरे लिए टीवी की दुनिया में रियलिटी शो का मतलब जावेद जाफरी का शो बूगी -वूगी ही हुआ करता था। मैं जावेद जाफरी की उस वक़्त से फैन रही हूँ, हाल ही में मैंने  सीरीज नेवर किस योर बेस्ट फ्रेंड में उनका जो किरदार देखा, उनकी कॉमेडी दिल को भा गई। जावेद लगातार अपने माध्यम को एक्सप्लोर कर रहे हैं, ऐसे में उनके अब तक के सफर, ओटीटी की दुनिया और कई मुद्दों पर उन्होंने अपनी बात रखी है, मैं यहाँ उसके अंश शेयर कर रही हूँ।

ओटीटी की दुनिया है खास

जावेद जाफरी मानते हैं कि ओटीटी की दुनिया ने कई एक्टर्स के लिए आगे बढ़ने के रास्ते खोल दिए हैं। जावेद कहते हैं नेवर किस  योर बेस्ट फ्रेंड के किरदार को निभा कर बहुत मजा आया है, क्योंकि इसमें मुझे एक अलग तरह के किरदार को जीने का मौका मिला, ओटीटी की दुनिया की यही तो खूबसूरती है।

वह कहते हैं

इन दिनों ओटीटी  की दुनिया काफी रोमांचक हो गई है । अब हर एक लेखक और निर्देशक अपनी कई कहानियां बोल सकते हैं।  पहले फिल्मों में चीजें लिमिट हो जाती थीं,  वहां पर हमारे हाथ बंधे हैं। लेकिन अब कहानी हीरो बन गई है।  मेरा तो मानना है कि  ओटीटी मार्केट के प्रेशर से मुक्त है, पूरी तरह से।  साथ ही मेरा मानना है कि यहाँ न सिर्फ कम उम्र के बल्कि बुजुर्ग कलाकारों को भी लगातार काम मिल रहा है।  लेकिन यह भी सच है कि  जितने माध्यम बढ़ते हैं। उतना कॉन्टेंट की मांग बढ़ जाती हैं, इसलिए बेस्ट करने की आपसे उम्मीद भी जाती है।  लेकिन मुझे ख़ुशी है कि इस दौर में भी मुझे काम मिल रहा है और मेरे लिए काम करते रहना ही सबसे ज्यादा जरूरी है।

टीवी ने काफी कुछ दिया है

जावेद जाफरी अपने करियर में टीवी की अहमियत देते हैं और उसकी खास भूमिका मानते हैं।

वह कहते हैं

मैंने अपने करियर की शुरुआत 1985 में की थी, उसके बाद मैं लगातार फिल्में कर रहा था।  मैंने वर्ष 1994 तक लगातार फिल्में की हैं।  इसके बाद, मैंने नया माध्यम चुना।  कई लोगों को लगा कि मैं पागल हो गया हूँ।  मेरा तो करियर गया, क्योंकि टीवी मतलब करियर गया।  लेकिन मैं नए दर्शक से जुड़ना चाहता था और मैं जुड़ा।  मैं हमेशा से ही टीवी को खास मानता रहा हूँ और उसे लेकर पॉजिटिव रहा।  और मुझे ख़ुशी है कि टीवी ने ही मुझे एक नयी पहचान दे दी।

बूगी-वूगी एक अलग दुनिया थी

जावेद मानते हैं कि बूगी-वूगी एक अलग दुनिया थी।

वह कहते हैं

हमलोगों ने जब बूगी-वूगी की शुरुआत की थी, तो वैसे शो थे ही नहीं, मैं यह बात रिसर्च के आधार पर बोल रहा हूँ।  अमेरिका,लंदन में इस किस्म का रियलिटी शो नहीं था, जहाँ हर हफ्ते कुछ न कुछ नया होते रहता था।  कभी बच्चे,कभी मम्मी, कभी ग्रुप किसी डांस रियलिटी शो में नहीं था। हमलोगों ने कोई स्क्रिप्ट बना कर नहीं रखा था, बस दिल से करते थे और यही वजह है कि उस कहानी से लोगों ने हमेशा जुड़ाव महसूस किया।  हमलोग बेवजह का दिखावा या रोना-धोना नहीं, इमोशनल ड्रामा नहीं करते थे। हम डांस पर भी फोकस थे और वहीं हमारी खूबी थी।

इसमें, कोई संदेह नहीं है कि टीवी की दुनिया में जब भी मिसाल वाले रियलिटी शो की बात होगी बूगी-वूगी का नाम लिया जाएगा,  क्योंकि यह शो वाकई एक अलग तरह का मंच था और वाकई में जावेद जाफरी जैसे कलाकार, हमारे देश की शान हैं और हमेशा शान बने रहेंगे।