युवा कलाकार, जब फिल्मों की दुनिया में कदम रखते हैं, तो उनमें एक अलग तरह का जोश होता है, अमूमन उनका झुकाव ग्लैमर की तरफ अधिक हो जाता है, लेकिन मैं अभी कुछ दिनों पहले ही युवा अभिनेता सिद्धांत गुप्ता ने मिली, तो मुझे वह एकदम अलहदा नजर आये। मैंने जो महसूस किया कि उन्हें सिनेमा में ग्लैमर से अधिक क्राफ्ट में दिलचस्पी है और शायद यही वजह है कि जब उन्हें अपनी पहली फिल्म ऑपरेशन रोमियो में अभिनय करने का मौका मिला, तो उन्होंने अपना बेस्ट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शरद केलकर जैसे सीनियर एक्टर के सामने भी वह नर्वस नहीं हुए हैं।टीवी की दुनिया से सिद्धांत फिल्मों में आये हैं। वह फिल्मों का चुनाव किस तरह से करेंगे और आगे की उनकी योजना है फिल्मों को लेकर, मैंने इस पर विस्तार से बातचीत की है, उसके अंश यहाँ शेयर कर रही हूँ।
क्राफ्ट को देना है तवज्जो
सिद्धांत ने स्पष्ट रूप से यह बात कही है कि वह सिनेमा में क्राफ्ट को तवज्जो देना चाहते हैं। उन्होंने इस पर स्पष्ट राय रखी।
वह कहते हैं
मैं अपने काम की वैल्यू करना चाहता हूँ, कोविड आने से भी पहले, मैं जब पूरी तरह से परेशान महसूस करता था खुद को, उस वक़्त मैंने खुद से कई सवाल पूछने शुरू किये थे। मैंने फिर एक ब्रेक लिया और फिर खुद से काफी बातें की कि मुझे किस तरह का काम करना है और किस तरह काम नहीं करना है, और इस दौरान फिर मुझे जवाब मिलने शुरू हुए और अब मैं वैसे ही प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने वाला हूँ।
टेलीविजन ने पहचान दी, मगर…
सिद्धांत गुप्ता मानते हैं कि उन्हें जो फैंस मिले हैं, टीवी के कारण ही मिले और टीवी ने ही उन्हें पहचान भी दी।
वह कहते हैं
टेलीविजन ने मुझे काफी लोकप्रियता दी, लेकिन मेरे लिए बेहद जरूरी था कि मैं खुद को टीवी से भी दूर करूँ, क्योंकि बतौर एक्टर, मुझे अपनी क्रिएटिविटी पर ध्यान देना था, ताकि मैं अच्छे से इमेजिन कर सकूँ और परफॉर्म कर पाऊं। और ईमानदारी से कहूँ, तो टीवी में आपको कई बार जिस दिन शूटिंग होती है, उस दिन स्क्रिप्ट मिलती है, वहां आपके लिए गुंजाइश नहीं बचती है कि आप कुछ और सोच सकें।
ब्रेक में सिनेमा को समझा
सिद्धांत ने बताया कि उन्होंने जब ब्रेक लिया था, वह लंदन और न्यूयॉर्क चले गए थे।
वह बताते हैं
मैं जम्मू से हूँ और मैं ब्रेक लेकर जब घर चला गया था, उस वक़्त मुझे समझ आया कि मेरे दिमाग में कुछ तो है, जो फंस गया है या अटक गया है। मैं सबसे पहले उससे बाहर निकलना चाहता था। इसलिए पहले मैं न्यूयॉर्क गया और फिर लंदन चला गया। मैंने वहां पर कुछ एक्टिंग वर्कशॉप्स किये और खुद को पूरी तरह से एक्सप्लोर किया। और फिर मैंने यह महूसस किया कि कोई एक मैजिक है और उसको मैं परफॉर्म कर सकता हूँ।
सोशल मीडिया में नहीं हैं बहुत एक्टिव
सिद्धांत गुप्ता कहते हैं कि वह अब भी बहुत अधिक सोशल मीडिया की कहानी को समझ नहीं पाए हैं, इसलिए बहुत एक्टिव नहीं हैं।
वह कहते हैं
मैं सोशल मीडिया पर बहुत अधिक नहीं हूँ, मुझे तो कभी-कभी लगता है कि इसका इस्तेमाल क्या है। लेकिन फिर मेरे फैंस ने काफी एफर्ट देकर मेरे लिए फैन बेस बनाया है और वे मुझे आइकॉन भी मानते हैं। इसके लिए मैं उनको थैंक यूं भी कहना चाहता हूँ। लेकिन मेरा मानना है कि सोशल मीडिया काफी ध्यान भटकाता है, इसलिए मैं काम के दौरान सारे ऐप्स को डिलीट कर देता हूँ। मेरा मानना है कि एक एक्टर की दुनिया ऐसे भी ओपन बुक होती है, बहुत कुछ छुपाया नहीं जा सकता है, लेकिन मैं मानता हूँ कि लोग मुझे मेरे काम से याद रखेंगे, तो मुझे अच्छा लगेगा।
ऑपरेशन रोमियो जैसी फिल्में करते रहना चाहूंगा
सिद्धांत गुप्ता अपनी लेटेस्ट फिल्म ऑपरेशन रोमियो से काफी खुश हैं।
वह कहते हैं
यह एक ऐसा इंटेंस किरदार है, जो कहीं अलग तरीके से शुरू होकर, अलग जगह पर पहुंचता है। इसमें प्यार और दर्द दोनों है। 45 दिनों की शूटिंग में, मैंने 30 दिन इंटेंस सीन्स को ही एक्ट किया। मैं खुद को एक रूम में बंद कर लेता था और फिर एकदम अलग ही जोन में रहता था। फिल्म में आपको मेरी मेहनत नजर आनी चाहिए।
सिद्धांत ने अपनी पहली फिल्म में अच्छा काम किया है और आने वाले समय में वह विक्रमादित्य मोटवाने के साथ भी एक फिल्म में नजर आने वाले हैं। ऐसे में मुझे यकीन है कि सिद्धांत का जो अभिनय के प्रति अप्रोच है, वह कमाल करेगा और वह बेहतर की तरफ ही जायेंगे। मुझे सिद्धांत के अभिनय को देख कर, उम्मीदें जगती हैं कि आगे भी वह बेहतरीन काम करके अपने फैंस को खुश ही करेंगे।