कुछ समय पहले, मैंने एक गाना देखा था Ritviz का Liggi और उसके बाद, मुझे याद नहीं कि मैंने इस गाने को कितनी बार देखा होगा, वैसे तो मुझे Ritviz के हर गाने पसंद हैं, क्योंकि उनके गानों में जिंदगी की कहानियां तो होती ही हैं, साथ ही वह एकदम अलग नजरिया भी पेश करते हैं, कई टैबू को तोड़ती हैं उनकी विजुलाइजेशन, इसी क्रम में वह liggi सांग भी लेकर आये थे, इस गाने में एक नयी नवेली लड़की का पहला दिन, कैसा होता है या होगा ससुराल में, इसे बड़े ही प्यार से फिल्माया है, इसमें कोई अगर ध्यान आकर्षित करती हैं तो वह हैं अभिनेत्री वेदिका पिंटो। उन्होंने इस गाने में फूल ऑफ़ लाइफ वाला अभिनय किया है, उनके डांस मूव्स, एक्सप्रेशन सब कमाल के हैं, जो एक निराश इंसान को भी पूरी तरह से जोश से भर देंगे। तो मेरे जेहन में उनकी क्यूटनेस वाली छवि तो थी ही, लेकिन जब मैंने उनकी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ऑपरेशन रोमियो देखी, मैं तो हैरान हो गई कि क्या वह वहीं छुई-मूई से क्यूट लड़की हैं, जिन्होंने उस गाने में क्यूटनेस दिखाई थी और इस बार फिल्म में एक सशक्त किरदार में नजर आई हैं। वेदिका इस फिल्म से हिंदी फिल्मों में कदम रख रही हैं, लेकिन वह पिछले कई सालों से अच्छे प्रोजेक्ट की तलाश कर रही थीं, मैंने उनसे उनकी अब तक की जर्नी पर बातचीत की है, यहाँ मैं उस बातचीत के मुख्य अंश पेश कर रही हूँ। इस फिल्म में उन्हें सीनियर कलाकार शरद केलकर और भूमिका चावला का साथ मिला है।
सलमान करते हैं अच्छे काम को प्रोमोट
वेदिका पिंटो से जब मैंने जानना चाहा कि उनके liggi गाने को सलमान खान ने क्यों प्रोमोट किया था, क्या इसकी कोई खास वजह थी। इस पर वेदिका ने बताया कि सलमान सर की यह खूबी रही है कि वह अच्छी चीजों को प्रोमोट करते हैं। साथ ही एक खास बात भी बतायी
उन्होंने बताया
मेरे डैड जॉन पिंटो पुराने जमाने में विज्ञापन डायरेक्ट किया करते थे, लेकिन वह 15 साल पहले रिटायर हो गए थे, तो मेरे पापा के साथ, सलमान भाई ने और बाकी कई स्टार्स ने काम किया था, तब सलमान भाई एक्टर नहीं मॉडल हुआ करते थे, तब का कनेक्शन है, लेकिन उसके बाद ऐसा भी कनेक्शन नहीं जुड़ा रह गया था, लेकिन जब यह वीडियो आया, तो उनका फोन आया था मुझे कि तुमने बहुत अच्छा काम किया है, मैंने उन्हें भेजा नहीं था, तो मुझे बहुत ख़ुशी मिली।
वेदिका ने बताया कि उस गाने में उन्होंने पहली फेस किया था
वह कहती हैं
लिग्गी मेरे लिए वह पहला मौका था, जब मैंने कैमरा फेस किया था। लेकिन मुझे उसे करने में बेहद मजा आया था।
ऑपरेशन रोमियो से जुड़ने का किस्सा भी रहा मजेदार
वेदिका बताती हैं कि इसके ऑडिशन लम्बे समय से चल रहे थे और एकदम यूनिक तरीके से टीम ऑडिशन ले रही थीं।
अपने यूनिक ऑडिशन के बारे में वेदिका ने विस्तार से बताया
वह कहती हैं
मैं इसके ऑडिशन में जब गयी तो एक ऑडिशन दिया और उसके बाद, मुझे मुंबई के अँधेरी इलाके के पीछे वाले रास्ते में लेकर गए थे, और एक गाड़ी में बिठाया और एक लड़का था मेरे साथ, जो ऑडिशन कर रहा था, उस वक़्त सिद्धांत नहीं था, मैं इतनी हैरान थी, अचानक से तीन कास्टिंग डायरेक्टर आये और उन्होंने सीन क्रिएट किया, जो वाकई में फिल्म का हिस्सा है। लेकिन मैंने पहली बार ऐसा ऑडिशन दिया था। लेकिन जब मैंने फिल्म में काम करना शुरू किया, तब मुझे समझ आया कि उन्होंने ऐसा ऑडिशन क्यों किया, वह दरअसल, एक स्पेशिफिक बात ढूंढ रहे थे, तो वह कुछ और कास्ट नहीं करने वाले नहीं थे।
लंबा रहा है संघर्ष का दौर
वेदिका कहती हैं कि उनकी पहली फिल्म ऑपरेशन रोमियो अब दर्शकों के सामने हैं, लेकिन उन्होंने यहाँ तक पहुँचने में काफी संघर्ष किया है।
वह कहती हैं
मैंने आरामनगर ( मुंबई के वर्सोवा में स्थित एक ऐसी जगह, जहाँ मुंबई में बनने वाली कई फिल्मों की ज्यादातर कास्टिंग होती है ) के न जाने कितने चक्कर काटे हैं, सच कहूँ तो हजारों काट लिए होंगे। लगातार ऑडिशन देना होता था, फिर रिजेक्शन होना पड़ता था, बार-बार जब ऐसा होता है, तो आप अंदर से भी टूटने लगते हैं, मैं लगातार ढाई से तीन साल से इस संघर्ष में जुड़ी हुई थी।
टीवी की दुनिया से जुड़ने के बारे में ख्याल तो आया, मगर
वेदिका कहती हैं कि इस दौरान एक दो बार टीवी में अभिनय के बारे में भी सोचा, लेकिन फिर उनके मन में एक ख्याल आया।
वह बताती हैं
मेरा न बचपन से ख्याल रहा है कि मैं एक्टर बनूं। मैं करीना कपूर की बहुत बड़ी फैन हूँ और मैं उनकी काफी नकल उतारा करती थी। माधुरी दीक्षित की नक़ल उतारा करती थी। बचपन से मैं पुरानी फिल्में भी खूब देखा करती थी, आपने अगर पाकिजा फिल्म देखी है, तो उसमें जैसी मीना कुमारी दिखती हैं, मेरी नानी के सामने, अगर वह गाना बजता है, तो उन्हें मेरा ही चेहरा नजर आता है,क्योंकि मैं उस गाने पर इतनी बार परफॉर्म किया करती थी। पांच साल की उम्र में मैं यही सब कर रही हूँ, तो किसी चीज को जब दिल से चाहो न, तो उसको करना चाहिए, कई बार जेहन में आये, लेकिन मैंने फिल्मों पर ही फोकस किया।
अजीबो-गरीब रहे हैं रिजेक्शन
वेदिका बताती हैं कि उन्होंने अपनी इस जर्नी में कुछ वीयर्ड रिजेक्शन भी झेले हैं।
वह कहती हैं
कई बार अजीबोगरीब कारण बताये गए हैं, रिजेक्शन के। लोग अलग तरह के रिजेक्शन की वजह बताते हैं, कई इस बात की सलाह देते हैं कि कॉस्मेटिक से ऐसा कर लो, वैसे कर लो। यह होता रहता है। ऐसे में आपको बहुत ही सेल्फ कॉन्फिडेंस की जरूरत होती है, क्योंकि अपने को अपनाना बहुत जरूरी होती है। मैंने वहीं किया और फिर अब जाकर पहला ब्रेक मिल ही गया। कई बार तो ये कह कर भी रिजेक्ट किया गया है कि यह बहुत ही खूबसूरत हैं इस रोल के लिए। तो ऐसी बातों का क्या कहा जाये।
पढ़ने चली गई थी लंदन
वेदिका ने बताया कि जब उन्होंने यह महसूस हुआ था एक समय में कि पता नहीं क्या होगा, तो वह पढ़ाई को लेकर भी सीरियस हुईं।
वह बताती हैं
बहुत हिम्मत की जरूरत होती है, यह कहने के लिए कि आपको एक्टिंग करना है, क्योंकि लाखों-करोड़ों लोग आते हैं, जिनको एक्टिंग करनी होती है। लेकिन इस मंच तक पहुंचे तो काफी टफ होता है, तो जब मैं 9 क्लास में थी, उस वक़्त मुझमें पढ़ाई को लेकर शौक जगा, तो मैंने पढ़ाई की, मैं लंदन चली गयी, मैंने ह्यूमन राइट्स में ग्रेजुएट भी किया, वहां मुझे बहुत अच्छी नौकरी भी मिल रही थी, मेरे पापा बहुत खुश थे, लेकिन जब कांट्रैक्ट साइन करने की बात आयी, तो मैंने पापा से कहा कि मेरा दिल कहीं और है और मैं वह ट्राई करना चाहती हूँ। उन्होंने कहा, पहले थोड़ा उन्होंने कहा कि चार सालों के बाद यह समझ आया, लेकिन उन्होंने फिर मुझे काफी सपोर्ट भी किया। इसके बाद, कई लोगों का मुझे सपोर्ट मिलता रहा है।
ऑपरेशन रोमियो में चैलेंजिंग रहा किरदार
वेदिका कहती हैं कि वह इस फिल्म के अपने किरदार से एकदम अलहदा है, रीयल लाइफ में।
वह बताती हैं
नेहा का जो फिल्म में किरदार है, मैं वैसी बिल्कुल नहीं हूँ, रीयल लाइफ में मैं लिग्गी जैसी हूँ। फूल ऑफ़ लाइफ। तो नेहा, काफी इंट्रोवर्ट है। नेहा में ठहराव है और मैं चुलबुली, तो मेरे में वह ठहराव लाने में दिक्कत हुई थी। आप इस फिल्म में देखेंगे कि एक महिला होने के नाते, आप समझ पाएंगी कि कोई अनजान आदमी आकर सामने खड़े आ जाये, तो कितनी असहजता होती है। मैं इस फिल्म को शूट करते हुए, मैं रात भर रोई मैं। मैं अपनी फिल्म में ईमानदारी से काम करना चाहती हूँ, हमेशा। ऐसे में, एक रात में काफी रोने लगी थी, तो फिर शरद केलकर ने मुझे आकर समझाया था। तो मुझे अच्छा लगा था।
नेपोटिज्म को नहीं मानती हैं वेदिका
वेदिका बताती हैं कि उनका मानना है कि इस इंडस्ट्री में नेपोटिज्म से आपको काम नहीं मिलता है।
वह इस पर कहती हैं
मैं नेपोटिज्म को नहीं मानती हूँ, मेरे कुछ दोस्त हैं, जिनके माता-पिता काफी मशहूर हैं, लेकिन उनको अभी तक ब्रेक नहीं मिला है, इसलिए मैं मानती हूँ कि परिवार का कोई और होगा तो काम मिलेगा ही। मेरे पापा मुझे ऐक्सेस मिला है, एक मीटिंग करने का चांस मिला है, ऑडिशन मिला है, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं होता है। उसके बाद आपको खुद मेहनत करनी पड़ती है।
वेदिका ने यह भी बताया कि इस फिल्म के बाद वह एक और फिल्म में जल्द ही नजर आने वाली हैं।
वेदिका में मुझे एक स्पार्क नजर आया फिल्म ऑपरेशन रोमियो में, साथ ही बातचीत करने में भी मुझे वह काफी कॉन्फिडेंट नजर आयी हैं, तो उस लिहाज से मैं यह कह सकती हूँ कि आने वाले समय में वह और अच्छी तरह से अपनी फिल्मों में निखर कर आएँगी, मुझे इस बात की पूरी उम्मीद है।