साउथ सिनेमा की कई हिंदी फिल्में कामयाब रही हैं। फिल्म कबीर सिंह की लोकप्रियता की बात करूँ, तो युवाओं में फिल्म को लेकर जबरदस्त जुनून रहा, दिलचस्प बात यह भी रही कि इस फिल्म की कामयाबी के बाद, शाहिद कपूर की लोकप्रियता में काफी इजाफा हो गया। इन दिनों शाहिद कपूर एक बार फिर से साउथ की ही हिंदी रीमेक जर्सी की रिलीज हो लेकर चर्चा में हैं, ऐसे में मैंने जब शाहिद से जानना चाहा कि क्या वह आगे भी रीमेक फिल्मों का हिस्सा बनते रहेंगे। इस पर शाहिद ने स्पष्ट रूप से अपनी बात रखी है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बचपन से वह कितने इंट्रोवर्ट और शर्मीले इंसान थे और किस तरह से उन्होंने फिल्मों में आने के लिए अपने इस स्वभाव को बदला। उन्होंने और भी कई पहलुओं पर बातचीत की है, मैं यहाँ उसके अंश शेयर कर रही हूँ।
रीमेक फिल्मों के बारे में खुलकर बोले शाहिद
शाहिद कपूर ने स्पष्ट रूप से यह बात कही है कि चूँकि मैं लगातार दो साउथ ही हिंदी रीमेक में काम करता रहा हूँ, जरूरी नहीं है कई आगे भी सिर्फ रीमेक ही करूँगा.
वह कहते हैं
मैं ओरिजिनल कॉन्टेंट पर ही काम करने वाला एक्टर रहा हूँ। मैंने कबीर सिंह के बाद ही यह तय कर लिया था कि अब किसी रीमेक फिल्म का हिस्सा मुझे नहीं बनना है, लेकिन हकीकत बात यह है कि मैंने जर्सी की कहानी कबीर सिंह की कहानी सुनने के पहले सुनी थी। फिर मैंने यह भी फैसला किया था कि मैं यह फिल्म न करूँ, क्योंकि यह रीमेक फिल्म थी। मैंने तो दूसरी फिल्मों की स्क्रिप्ट सुननी शुरू भी कर दी थी। लेकिन जर्सी की कहानी मेरे जेहन में बार-बार आती रही, मुझे ऐसा लगा कि यह जो कहानी है, यह तो कही जानी चाहिए। एक ऐसी कहानी, जिसने मेरी सोच को भी बदला, फैसले को भी बदला और फिर से मैंने इस फिल्म को हां कह दिया, मैं अब बेहद खुश हूँ कि इस कहानी को मैंने हाँ कहा। अब इसके बाद मैं और भी ओरिजिनल वर्क पर फोकस करना चाहूंगा।
जर्सी की ओरिजिनल फिल्म बड़ी हिट रही, लेकिन मैं प्रेशर जैसा महसूस नहीं कर रहा
शाहिद कपूर कहते हैं कि वह ऐसा प्रेशर जैसा महसूस नहीं कर रहे हैं कि जर्सी की ओरिजिनल फिल्म काफी बड़ी हिट रही थी।
वह कहते हैं
नहीं , मैं वैसे प्रेशर में नहीं हूँ। फिलहाल मैं सिर्फ फिल्म की रिलीज को लेकर प्रेशर में हूँ, क्योंकि फिल्म की रिलीज तारीख में काफी बदलाव होते रहे हैं, कभी कोविड तो कभी किसी और कारण से, इसलिए मुझे उस बात को लेकर प्रेशर है। मैंने जब फिल्म देखी थी, मुझे बेहद पसंद आई थी, फिल्म की लव स्टोरी ने भी मुझे अट्रैक्ट किया था। मुझमें वह स्ट्रेंथ आया लाइफ को लेकर, मुझे लगता है कि ऑडियंस भी कुछ वैसा ही महसूस करेगी, जब वह इस फिल्म को देखेगी। मुझे इस फिल्म में वह कनेक्ट महसूस हुआ, इसलिए मैंने हाँ कहा, जबकि मैं साउथ की रीमेक फिल्म करने के और मूड में नहीं था।
बचपन में था काफी इंट्रोवर्ट
शाहिद ने बताया उन्हें खुद इस बात का यकीन नहीं होता है कि उनके जैसे इंट्रोवर्ट इंसान ने फिल्मों में आकर अभिनय शुरू किया, क्योंकि वह बचपन से ही काफी शर्मीले इंसान रहे हैं।
वह विस्तार से कहते हैं
मैंने जब अभिनय में आने के बारे में सोचा, तो मुझे मेरे इस बिहेव को बदलना पड़ा, क्योंकि अगर मैं इसे नहीं बदलता तो फिर मेरे लिए ही परेशानी होती, शुरुआत के दौर की मेरी फिल्में देखें, तो उस समय मैं अधिक शर्मीला था, धीरे-धीरे मैंने खुद को समझाया और खुलना शुरू किया, अब तो मैं काफी बातूनी हो गया हूँ।
शाहिद कपूर की जो बात मुझे आकर्षित करती है कि उन्होंने खुद की लोकप्रियता अपने दमखम पर हासिल की है, उन्होंने अपने पिताजी की लोकप्रियता का कोई सहारा नहीं लिया, एक समय में उनकी फिल्में कामयाब नहीं हो रही थीं, ऐसे में भी उन्होंने मेहनत की और खुद की जगह बनाई, अपने दम पर, इसलिए वह मुझे सेल्फ मेड इंसान लगते हैं, ऐसे में जिंदगी में फाइटिंग स्पिरिट को लेकर, जब उनकी फिल्म जर्सी, 22 अप्रैल को सिनेमा थियेटर में रिलीज हो रही है, मैं उसे देखने उत्सुक हूँ।