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वीरप्पन को पकड़ने का बचपन का है सपना रॉकिंग स्टार यश का, जानिए रॉकिंग स्टार यश की जिंदगी के 5 रोचक और इंस्पायरिंग बातें

वीरप्पन को पकड़ने का बचपन का है सपना रॉकिंग स्टार यश का, जानिए रॉकिंग स्टार यश की जिंदगी के 5 रोचक और इंस्पायरिंग बातें

Anupriya Verma

हाल ही में एस एस राजामौली की फिल्म आरआरआर ने काफी सफलता हासिल कर ली है, वह पैन इंडिया फिल्म मानी जा रही है, इस फिल्म की सफलता के बाद, अब बहुत जल्द केजीएफ चैप्टर 2 भी रिलीज हो रही है और इस फिल्म में यश, जो कि कन्नड़ फिल्मों के सुपर स्टार हैं, उन्होंने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं, मुझे याद है कि जब केजीएफ का पहला भाग आया था, यश मुंबई आये थे, फिल्म के प्रोमोशन के लिए। वर्ष 2018 की बात है, अब इस बात को तीन साल बीत चुके हैं, जब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी, लेकिन तीन सालों के बाद भी यश का सपना नहीं बदला है, वह चकाचौंध और लोकप्रियता में कहीं खोने की कोशिश नहीं कर रहे हैं और अपनी कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को एक मुकाम दिलाने की ही बात करते हैं।  दरअसल, यश की जिंदगी के ऐसे कई पहलू हैं, जिन्हें जानने के बाद, मैं तो काफी इंस्पायर रही हूँ उनसे, आज वह इतने कामयाब एक्टर हैं, लेकिन वह यूं ही कामयाब नहीं रहे हैं, उन्होंने इसके लिए एक लम्बा संघर्ष किया है, उनकी जर्नी की कुछ ऐसी दिलचस्प बातें हैं, जो काफी इंस्पायरिंग हैं, मैं उनसे आपसे यहाँ जरूर शेयर करना चाहूंगी।

जब वीरप्पन को पकड़ने का वादा किया था यश ने

यश ने मुझसे अपने एक पुराने इंटरव्यू में यह बात साझा की थी कि वह जब एलकेजी में थे, उस वक़्त से ही उन्हें अभिनय करने का शौक था। और वह अपने लक्ष्य पर टिके रहे और आगे बढ़े।

उन्होंने बताया था

मैंने एलकेजी से ही अभिनय करना शुरू किया था, सबसे पहले एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई थी और मैंने डायलॉग बोला था, वीरप्पन को जल्द पकड़ेंगे। उस समय इतनी तालियां बजीं कि मुझे लगा कि मैं इस काम को बेस्ट कर सकता हूँ और एक्टिंग का उस वक़्त से ही चस्का लग गया।
Source : Instagram I @thenameisyash

परिवार के खिलाफ जाकर बनाया मुकाम

आपको जो हासिल करना है, उसके लिए कभी ठोस कदम उठाने पड़ते हैं, धारा के विरुद्ध चलना पड़ता है, मेरे ख्याल से यश से युवा पीढ़ी को यह तो सीखना ही चाहिए कि अगर आपके लक्ष्य के बीच, कोई भी आये, तो आपको सबको दरकिनार कर, आगे बढ़ना भी पड़ता है, एक जमाने में यश ने कुछ ऐसा ही किया था, जब उनको परिवार छोड़ना पड़ा।

यश ने परिवार क्यों छोड़ा था, इस बारे में भी यश ने विस्तार से बताया था

उन्होंने बताया था

मैं  शंकरनाथ का फैन हुआ करता था, फिल्में देखा करता था, लेकिन घर वालों को यह बात पसंद नहीं आई थी, तो  मुझे तो घर से निकाल दिया गया था। फिर मैं भी घर से बाहर भाग गया था। मैंने पीयूसी में दो साल बिताये। दरअसल, मेरे पापा ड्राइवर रहे, तो उन्हें लगता था कि बेटा कोई बड़ा काम करे और स्थाई नौकरी करे, लेकिन मुझे अकाउंटेंट नहीं बनना था।  पिताजी डरते थे मेरे अभिनय के लाइन से, लेकिन माँ ने मुझे सपोर्ट किया। बाद में मैंने थियेटर करना शुरू किया, फिर वहां से टीवी में काम करना शुरू किया और वहीं से फिर फिल्मों में काम करने का मौका मिल गया।
Source : Instagram I @thenameisyash

जब लोगों ने लगाया टीवी का टैग, शाह रुख ने किया इंस्पायर

यश, शाह रुख खान से हमेशा से इंस्पायर रहे हैं। वह उनके फैन हैं। शाह रुख ने भी टीवी से ही जर्नी शुरू की थी, यश कहते हैं कि उन पर टीवी का खूब टैग लगाया जाता था, उस वक़्त वह लोगों को शाह रुख खान का उदाहरण देते थे।

वह लोगों से कहते थे

जो भी मुझे टीवी का कहते थे और कहते थे कभी बड़ा नाम नहीं करूँगा, मैं उनको साफ़ कहता था कि शाह रुख़ खान को देखो और फिर बात करो, मेरे लिए टीवी के जरूरत थी और उसने मुझे सबकुछ दिया, मुझे उस वक़्त पैसे कमाने थे तो मैंने जम कर काम किया और मुझे अच्छी आमदनी मिली। मैं आज जो कुछ हूँ टीवी की वजह से ही हूँ।
Source : Instagram I @thenameisyash

अपने कपड़े खुद ले जाने पड़ते थे

यश बताते हैं कि शुरुआती दौर में, शूटिंग के लिए अपने कपड़े, खुद ले जाने पड़ते थे।

उन्होंने बताया था

उस दौर में जब कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री अपनी शुरुआती दौर में पहचान बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ था, उस वक़्त एक्टर को अपने कपड़े खुद के लिए लाने होते थे। मुझे 50 हजार मिलते थे, तो मैं चालीस हजार अपने ऊपर खर्च करता था,  जबकि बाकी स्टार पांच हजार से अधिक नहीं करते थे और उन्हीं कपड़ों को रिपीट करते थे।
Source : Instagram I @thenameisyash

एक लम्बे समय के बाद कार ली

इन दिनों, छोटी लोकप्रियता में भी स्टार्स बड़ी कार खरीद लेते हैं और सोशल मीडिया पर खूब शो ऑफ़ भी करते हैं, लेकिन यश ,इससे एकदम अलहदा सोच रखते थे। यश ने एक लम्बे समय के बाद, जिंदगी की पहली कार ली थी।

इस बारे में उन्होंने बताया था

मैं फिल्मों के सेट पर या टीवी के सेट पर हमेशा बाइक से ही आना-जाना करता था, सब कहते थे, छोटी कार ले लो, कई स्टार्स ने ले भी रखी थी, लेकिन मुझे हमेशा से बड़ी कार का शौक था और उसके लिए, पहले मैंने वह ओहदा बनाया, तीन चार साल के बाद, जाकर मैंने अपनी पहली बड़ी कार ली थी। वह मेरे लिए खास मोमेंट था।

कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री हमेशा सिर आँखों पर

यश इस बात को लेकर तब भी स्पष्ट थे, आज भी स्पष्ट हैं, वह कहते हैं कि वह हिंदी फिल्मों में नहीं आएंगे, वरना उनकी कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री का क्या होगा।

Source : Instagram I @thenameisyash

वह कहते हैं

मुझे कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को एक मुकाम दिलाना है, अगर मैंने छोड़ दिया, तो फिर वह कैसे होगा, हमें मिल कर करना है, मेरा मानना है कि मेरी इंडस्ट्री में बेस्ट तकनीशियन हैं और उन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाने की जिम्मेदारी हमारी ही है।

वाकई में, मेरा मानना है कि यश जैसे नायक ही असली नायक हैं, जो सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना ही सबकुछ नहीं मानते, बल्कि अपनी इंडस्ट्री को आगे ले जाना और एक मुकाम दिलाना भी एक जिम्मेदारी मानते हैं, ऐसे कलाकारों की फिल्में वाकई में कामयाब हो, जो अपनी मिटटी के लिए कुछ करना चाहते हैं, मैं तो दिल से यही कहना चाहूंगी। यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2, 14 अप्रैल को रिलीज हो रही है। फिल्म में रवीना टंडन और संजय दत्त भी अहम किरदार में हैं।