टीवी की दुनिया की ऐसी कई स्ट्रांग वुमन किरदार रहे हैं, जिन्होंने आम महिलाओं के दिलों में जगह बनाई है, साथ ही उनके लिए एक बड़ी इंस्पीरेशन भी बनी हैं। ऐसे ही नामों में से एक नाम, मैं ‘अनुपमा’ के किरदार यानी रुपाली गांगुली का भी लेना चाहूंगी, जिन्होंने इन दिनों हर एक आम महिला की आवाज बनने की कोशिश की है। रुपाली के ‘अनुपमा’ किरदार की जिस तरह की जर्नी रही है कि वह कैसे पहले दबी-सहमी सी रहने वाली ‘अनुपमा ‘, आख़िरकार एक स्ट्रांग वीमेन बनती है, इस जर्नी ने कई महिलाओं के दिलों को छुआ है। शो में तो अनुज कपाड़िया, ‘अनुपमा’ की जिंदगी में शामिल ऐसे पुरुष हैं, जो उनको खूब सपोर्ट करते हैं, लेकिन वास्तविक जिंदगी में भी ‘अनुपमा’, यानी रुपाली गांगुली की जिंदगी में कुछ ऐसे ही पुरुष हैं और रुपाली, महिला दिवस पर इन दो पुरुष को थैंक यूं कहना चाहती हैं, तो आइये मैं आपको बताती हूँ कि वह दो पुरुष कौन हैं
रुपाली का मानना है कि कुछ महिलाएं इस मामले में भी लकी होती हैं कि उनकी जिंदगी में ऐसे पुरुष होते हैं, जो उन्हें बढ़ते हुए देखना चाहते हैं, रुपाली महिला दिवस पर अपने जीवन के ऐसे ही एक अहम इंसान को थैंक्स कहना चाहती हैं।
सफल औरत के पीछे भी एक पुरुष का हाथ हो सकता है
रुपाली का कहना है कि उनकी सफलता का पूरा श्रेय, वह अपने पति अश्विन को देना चाहती हैं।
वह कहती हैं
मेरी सफलता के पीछे एक मर्द का हाथ है और वह मर्द हैं, मेरे पति अश्विन, क्योंकि मैं जब ‘अनुपमा’ शो करने जा रही थी, मैं इस शो को लेकर थोड़ी उलझन में थी, क्योंकि मेरा बेटा उस वक़्त केवल 7 साल का था। लेकिन मेरे पति ने ही मुझे पूरा सपोर्ट दिया और कहा कि वह सब मैनेज कर लेंगे और मुझे जाना चाहिए। मैं राजन शाही को भी थैंक्स कहना चाहूंगी कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। उस वक़्त कई बड़े नाम इस किरदार के लिए उनके सामने थे, मैं उलझन में थी, फिर मैंने मेरे पति से पूछा, जो कि एमी अवार्ड्स से नॉमिनेटेड कई विज्ञापनों के मेकर रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह बैक शीट लेंगे और मैं आगे बढूं। मेरे लिए वह करियर का टर्निंग पॉइंट रहा। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हें कभी भी अपना ड्यू एक्टर के रूप में नहीं मिला है, मैं तुम्हें आगे बढ़ते देखना चाहता हूँ। इसलिए तुम इस प्रोजेक्ट को लो, उस वक़्त मेरा बेटा मुझे मिस करके रोता भी था। लेकिन फिर वह इस बात को भी समझता था कि मुझे यह सब करना है, क्योंकि मुझे एनिमल शेल्टर बनाना है। तो मेरा मानना है कि मेरी जिंदगी में तो यह पुरुषों की सबसे बड़ी मदद रही है।
अनुपमा ने ऐसे की है आम महिलाओं की जिंदगी को प्रभावित
रुपाली बताती हैं कि उन्हें कई दूसरे देशों से भी महिलाओं के मेसेज आते हैं कि’अनुपमा’ शो उन्हें उम्मीद देता है।
वह कहती हैं
जब से ‘अनुपमा’ की जिंदगी में अनुज कपाड़िया की एंट्री हुई है, ‘अनुपमा’की जिंदगी बदली है और कई महिलाएं जो मुझे मेसेज करती हैं कि कैसे उनके पति उनको फिजिकली अब्यूज करते थे, हर दिन उन्हें बदसूरत और पता नहीं क्या-क्या कहते थे, ऐसे में ‘अनुपमा’ देखने के बा, उन महिलाओं को हिम्मत मिली है। एक महिला ने मुझे मेसेज किया कि वह खुद एक पोस्ट ग्रेजुएट महिला है, उसने जिस आदमी से प्यार किया, उसके लिए सबकुछ छोड़ा और उसका एक बच्चा भी है, लेकिन अपने पति से परेशान होकर, उन्होंने अपनी शादी को खत्म करने का फैसला लिया, क्योंकि वह अपना और अधिक अपमान सहन नहीं कर सकती थीं। मैं लगातार उनसे सम्पर्क में हूँ और मुझे ख़ुशी है कि उस महिला को अब काम भी मिल गया है, उनकी माँ उनको सपोर्ट कर रही हैं। तो कुछ इस तरह से मैं अपने फैंस से कनेक्ट होती हूँ।
बच्चे भी फॉलो करते हैं अनुपमा की बातें तो मिलती है ख़ुशी
रुपाली कहती हैं
मुझे बेहद ख़ुशी है कि ‘अनुपमा’ने न केवल महिलाओं को, बल्कि बहुत हद तक बच्चों को भी प्रभावित किया है। हमने एक ट्रैक में जब दिखाया था कि किसान बहुत मेहनत से अनाज उगाते हैं और हमें उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए, वह ट्रैक काफी बच्चों पर असर कर गया।
इसके अलावा रुपाली बताती हैं कि जिस तरह से शो में बा को भी अपनी गलती पर बहू से माफ़ी मांगते हुए दिखाया जाता है, यह प्रोग्रेसिव थॉट महिलाओं को स्ट्रांग बना रहा है और मैं भी यही चाहती हूँ कि जब मैं रियल लाइफ में सास बनूँ, तो अपने बेटे की बहू के लिए ‘अनुपमा’ जैसी अंडर स्टैंडिंग सास बनूँ।
वाकई में, यह मानना होगा कि रुपाली गांगुली ने अपने किरदार को इस शो में पूरी तरह से चरितार्थ किया है और मेरा मानना है कि ‘अनुपमा’ जैसे स्ट्रांग किरदार टीवी की दुनिया में और भी आने चाहिए, ताकि महिलाओं को एक बुलंद आवाज मिले और वह और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन पाएं।