टीवी की दुनिया से फिल्मों में कदम रखना, सोच कर आसान लगता है न !! लेकिन, जो इस मुकाम से गुजरते हैं, उनसे यह पूछना चाहिए और समझना चाहिए कि इतना आसान नहीं होता है, एक इंडस्ट्री से दूसरी इंडस्ट्री में कदम रखना, खासतौर से तब, जब आप टीवी पर सेकेण्ड लीड में हों, लेकिन मृणाल ठाकुर ने इस साड़ी अवधारणाओं को अपनी मेहनत और लगन से निराधार कर दिया है, उन्हें न सिर्फ बड़े पर्दे पर बेहतरीन मौके मिल रहे हैं, बल्कि उनके अभिनय को लगातार पसंद भी किया जा रहा है, तूफ़ान, सुपर 30 के बाद, जल्द ही वह जर्सी में नजर आने जा रही हैं, जिसमें वह शाहिद के साथ एक अलग ही किरदार में हैं। मृणाल ठाकुर ने मुझसे यहाँ बातचीत में अपनी अब तक की जर्नी की खास बातें और शाहिद कपूर के साथ उनकी कैसी बॉन्डिंग रही है, इस पर खास बातचीत की है। मैं यहाँ इसके अंश शेयर कर रही हूँ।
शाहिद वाकई में ड्रीम हीरो हैं मेरे लिए
कम लोगों को ही इस बात की जानकारी होगी कि जर्सी फिल्म में उनके को-स्टार शाहिद कपूर को लेकर मृणाल एक अलग ही फीलिंग रखती हैं। जी हाँ, शाहिद की बड़ी फैन रही हैं मृणाल, सिर्फ मृणाल ही नहीं, उनकी बहन भी…
वह कहती हैं
मैं तो मेरे सपने को जी रही हूँ, मुझे ऐसा लग रहा है, क्योंकि मैं शाहिद कपूर की फैन रही हूँ। ऋतिक रौशन और जॉन अब्राहम जैसे कलाकारों के साथ काम करने के बाद, अच्छा लग रहा है और शाहिद को लेकर तो हम कॉलेज के दिनों से दीवाने थे, देखा है तेरी आँखों में वाला गाना या फिर मौजा ही मौजा, हम शाहिद के डांसिंग स्किल्स के कायल रहे हैं, ऐसे में मुझे जब पता चला कि मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है, मैं बेहद खुश हो गई थी। मुझे अपने करियर में इन सुपर स्टार्स के साथ काम करने का मौका मिल रहा है और क्या चाहिए।
शाहिद के साथ फैन मोमेंट्स
मृणाल बताती हैं कि उनके पापा के ऑफिस में एक कॉम्पटीशन में उन्होंने शाहिद कपूर के गाने पर डांस किया था।
वह कहती हैं
मैं और मेरी बहन ने मौजा ही मौजा पर डांस किया था। हम वो कॉम्पटीशन जीत गए थे। इनाम के तौर पर हमें सोने का सिक्का मिला था। वह सिक्का अभी भी मेरे पास है। मैंने शाहिद से यह बात शेयर की। वह बहुत खुश हुए, फिर हमलोग एक रियलिटी शो में भी गए थे, तो शाहिद को इस गाने पर डांस करते देखा, तो मुझे बहुत अच्छा लगा था, मैं इमोशनल हो गई थी।
माँ का किरदार निभाने में मुझे हर्ज नहीं
अमूमन यंग अभिनेत्रियां पर्दे पर माँ का किरदार करने से कतराती हैं और ऐसा होता भी है कि कई बार आपको फिर वैसे ही किरदार निभाने को मिलने लगते हैं। लेकिन इस बारे में मृणाल एकदम ही अलग सोच रखती हैं।
वह कहती हैं
मुझे परदे पर मां का किरदार करने में कोई परेशानी नहीं है। मेरे लिए किरदार ही मायने रखता है, कोई और बातें नहीं। मेरी मेरी माँ को तो पहला बच्चा तब हुआ था, जब वह 20 साल की थी। ऐसे में मैं 29 साल की हूं तो मां का किरदार करने से क्यों परेशानी होगी। जर्सी की कहानी मेरे लिए खास है, बतौर अभिनेत्री इस फिल्म ने मुझे उभरने का मौका दिया है, अच्छा हुआ कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनी रही।
पहले मना किया था रोल को
मृणाल कहती हैं कि उन्होंने शुरुआत में जर्सी फिल्म को न कह दिया था, उन्हें लगा कि एक और स्पोर्ट्स फिल्म नहीं करनी चाहिए, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि वह इस फिल्म से जुड़ गयीं।
वह बताती हैं
मुझे इस फिल्म का जब ऑफर आया था, मैंने मना कर दिया था, मुझे लगा कि एक और स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म और माँ का किरदार। तूफ़ान मैंने तुरंत खत्म की थी। मेरे आसपास के लोगों ने कहा कि मुझे ऐसी फिल्म अब और नहीं करनी चाहिए। मुकेश छाबड़ा जो जर्सी फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर हैं। वह मेरे अच्छे दोस्त भी हैं, उन्होंने मुझे कहा कि एक बार फिल्म देख लो उसके बाद फैसला करना और फिल्म के निर्देशक भी तुमसे बात करना चाहते हैं। मैंने साउथ वाली फिल्म देखी। उस फिल्म ने मुझे एकदम छू लिया। मुझे लगा कि यह फिल्म सेकेण्ड चांस को जीने का मौका देती है। मुझे भी तो जिंदगी में सेकेंड चांस ही मिला है, तो मैं इससे रिलेट कर पायी।
वह आगे और कहती हैं
छोटे पर्दे पर मैं बड़ा नाम नहीं बना पायी थी, लेकिन बड़े पर्दे पर मैंने अपना एक मुकाम बनाया है, फिलहाल वह छोटा है, लेकिन मेरा है, इसलिए मुझे लगा कि मुझे यह फिल्म कर लेनी चाहिए और मैंने फिल्म को हां कर दिया।
मेहनत लगी है यहाँ तक पहुँचने में
मृणाल मानती हैं कि लोगों के लिए कहना आसान होता है की फ़ौरन कामयाबी मिल गई है, लेकिन इसके पीछे की मेहनत कोई नहीं देखता है।
वह कहती हैं
कई लोग मुझे बोलते हैं कि मैंने कम समय में सब हासिल का लिया है, लेकिन कोई मेरी पूरी मेहनत नहीं देखता है। मैं जब 13 साल की थी तब मैंने तय किया कि मुझे अभिनेत्री बनना है। 17 साल की उम्र से मैंने शुरुआत की थी और मुझे अभी जब मैं 29 साल की हूँ तो सफलता मिल रही है। मेरे मुकाम के पीछे, मेरे12 सालों की मेहनत है। जिसमें मैंने बहुत संघर्ष किया। बहुत रिजेक्शन झेला है, लेकिन मैं खुद की पीठ थपथपाना चाहूंगी कि मैंने कभी इंडस्ट्री को छोड़ने का फैसला नहीं किया। संघर्ष जारी रखा और यहाँ तक पहुँच पायी।
वाकई, मृणाल हम सभी के लिए एक अच्छा फैसला लिया कि फिल्में नहीं छोड़ीं, वरना आपकी जैसी अच्छी अभिनेत्री के काम से सभी वंचित रह जाते। आप लगातार अपने दम पर मेहनत कर रही हैं और मुकाम हासिल कर रही हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में भी आपकी जर्सी जैसी और भी बेहतरीन फिल्में आएं और आप कमाल करें। फिलहाल 14 अप्रैल को मुझे तो मृणाल की फिल्म जर्सी की रिलीज का इंतजार है ।