मैंने ऐसा कम फिल्मों में होते देखा है कि जब आप किसी फिल्म को बड़े पर्दे पर देख रहे हों और निर्देशक का नाम परदे पर आये, तो सीटियां बजने लगे, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर से बड़ा कद, आम लोगों के बीच अगर एक निर्देशक बना पाते हैं, तो यह बड़ी कामयाबी है, एक निर्देशक की। मैंने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आरआरआर का फर्स्ट डे, फर्स्ट शो देखा और मैं आश्चर्यचकित रह गई, जब मैंने देखा कि फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली का नाम स्क्रीन पर आया, तो कैसे सीटियां और तालियां बजने लगीं, लोग उनके लिए चीयर कर रहे थे। जाहिर है कि यह चीयर लीडर राजामौली को यूं ही नहीं मिले हैं, उनकी पिछली फिल्म बाहुबली के पहले और दूसरे हिस्से की कामयाबी से ही मिले हैं। ऐसे में राजामौली के लिए यह बड़ी चुनौती थी कि वह बाहुबली के बाद, क्या अपना वही जादू अपनी लेटेस्ट रिलीज फिल्म आरआरआर से कर पाएंगे और कमाल की बात यह है कि वह न सिर्फ दर्शकों की उम्मीद पर खरे उतरे हैं, बल्कि फिल्म ने कम दिनों में ही 500 करोड़ क्लब में खुद को शामिल कर लिया है। आखिर वे कौन सी पांच वजहें रहीं, जिनकी वजह से आरआरआर इस कामयाबी को हासिल कर पायी है, फिल्म में वैसी कौन सी बातें हैं, इन बातों को मैं अपने नजरिये से डिकोड करने की यहाँ कोशिश कर रही हूँ।
बाहुबली का हैंगओवर
आरआरआर की सफलता का श्रेय बहुत हद तक, बाहुबली फिल्म को जाता है, क्योंकि राजामौली ने बाहुबली की वजह से पूरे भारत के दर्शकों के बीच, अपनी पैठ जमा ली है, ऐसे में दर्शकों को बेसब्री से इस बात का इंतजार था कि राजामौली की अगली फिल्म कब आ रही है, क्योंकि सभी वाकिफ थे कि राजामौली का सिनेमेटिक ग्राफ क्या है, तो यह सोच कर भी कई लोगों ने यह जेहन में पहले से ही प्री नोशन बना रखा था कि एक बार तो आरआरआर देखनी ही है, सो, राजामौली की इस फिल्म का प्रोमोशन उनकी पिछली सफल दो फिल्मों ने कर ही दिया था।
सिनेमेटिक अनुभव
राजामौली की फिल्मों में आप कुछ भी आम नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि राजामौली बड़े स्केल्स पर फिल्में बनाते हैं। उनके हर दृश्य में एक अनुभव होता है। इस फिल्म में भी जम कर, उन्होंने सिनेमेटिक अनुभव दिया है। ऐसे कई दृश्य हैं, जिसमें आप अपनी नजरें हटा नहीं सकते हैं। खासतौर से शेर के साथ वाले एक्शन सीन्स जबरदस्त हैं, तो प्री क्लाइमेक्स में जो रामायण के संदर्भ से पूरा रामायण गढ़ा गया है, वह भी दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। फिल्म के वीएफएक्स को न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व के बेस्ट स्टूडियो में निर्माण किया गया है, जाहिर है कि विजुअल एक्सपीरियंस होना ही है। फिल्म की कहानी भले ही कमजोर है, लेकिन ऐसी फिल्मों में दर्शक पहले ही यह सोच कर आते हैं कि उन्हें इस फिल्म में सिर्फ बड़े कैनवास पर सिनेमेटिक एक्सपीरियंस करना है और कुछ नहीं, इसलिए भी वह इस फिल्म से कहानी के लिहाज से निराश नहीं हुए हैं।
ऑल इण्डिया प्रोमोशन, आलिया बनीं फेस
राजामौली ने अपने दोनों सुपर स्टार्स रामचरण और जूनियर एनटीआर के साथ जम कर, पूरे भारत में फिल्म का प्रोमोशन किया है और फिल्म के प्रोमोशन में आलिया भट्ट, जो इस वक़्त बॉलीवुड की नंबर वन अभिनेत्री हैं, वह भी साथ -साथ नजर आयीं, इससे भी लोगों के जेहन में फिल्म को देखने के लिए उत्सुकता रही। अजय देवगन का होना भी उनके फैंस को फिल्म के लिए खींच कर लाया।
रामचरण और जूनियर एनटीआर का पहली बार साथ आना
यह बेहद कम होता है, जब एक ही फिल्म में कोई दो बड़े मेगा स्टार साथ हों, यह कमाल राजामौली ही अपनी फिल्म से कर सकते थे कि उन्हों तेलुगू सिनेमा के दो बड़े स्टार्स को अपनी फिल्म में शामिल कर लिया, दोनों की ही फैन फॉलोइंग जबरदस्त है। सो, दोनों की ही फैन फॉलोइंग इस फिल्म के लिए साथ आयी। दोनों की फिल्म में जो केमेस्ट्री है और खासतौर से नाचो-नाचो गाने पर जो दोनों थिरके हैं, वह भी कमाल है। दर्शकों को उन्होंने खूब आकर्षित किया है।
दक्षिण की फिल्मों की लोकप्रियता की लहर है
इस वक़्त पुष्पा फिल्म की कामयाबी ने, पूरे भारत में दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री से आ रही फिल्मों को लेकर एक लहर पैदा कर दी है, लोगों में उत्सुकता है, वहां की फिल्मों को लेकर कि क्या होने वाला है, क्या नया हो रहा है, ऐसे में जब एक मेगा बजट फिल्म, जिसके ट्रेलर में लगातार चौंकाने वाले दृश्य नजर आएं, तो जाहिर है कि दर्शकों का ध्यान खींचेगा ही। वही आरआरआर के साथ भी हुआ है।
वाकई में, फिल्म ने एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है और इस फिल्म से राजामौली ने यह साबित कर दिया है कि वह सफलता की गारंटी वाले निर्देशक हैं। ऐसे में उनके फैंस को ही नहीं, मुझे भी अब उनकी अगली फिल्म का बेसब्री से इंतजार है कि अब वह नया क्या क्रिएट करेंगे।