कुछ कलाकार, जो कॉमेडी फिल्मों में अधिक नजर आते हैं, वे रियल लाइफ में भी बहुत मजकिया हों, ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन अरशद वारसी से मैं जितनी बार भी मिलती हूँ, मुझे फिल्म ‘कभी ख़ुशी कभी गम’ का काजोल का वह तकिया कलाम वाला डायलॉग दोहराने का मन होता है कि तुसी बड़े मजाकिया हो । जी हाँ, अरशद रियल लाइफ में भी स्पॉनटेंसियस हैं, वह ऐसे-ऐसे वन लाइनर देते हैं कि कोई भी हँसे बगैर नहीं रह सकता। ऐसे में वह जल्द ही एक और कॉमेडी फिल्म ‘बच्चन पांडे‘ में नजर आने जा रहे हैं अक्षय कुमार के साथ, तो मैं पूरी तरह से अनुमान लगा पा रही हूँ कि इस फिल्म में क्या धमाल होने वाला है। हंसना-हँसाना इतनी आसान कला नहीं है, जितना नेचुरल हमें पर्दे पर नजर आता है। उनकी ही फिल्म ‘इश्किया ‘का गाना है न!! दिल तो बच्चा है जी, अरशद ने उसी तर्ज पर, अपने अंदर के बच्चे को जिंदा रखा है और यही उनकी सबसे खूबसूरत बात है। अरशद जैसे कलाकार, उसे हमारे लिए एकदम नेचुरल बनाते हैं। अरशद ने इंडस्ट्री में लम्बा सफर तय किया है। उन्हें लगभग 25 साल बीत चुके हैं इस इंडस्ट्री में और उन्होंने शुरुआत अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस की फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ से की थी। ऐसे में अमिताभ की दी गई एक सलाह, आज भी उन्हें याद है, जिसे वह फॉलो करते हैं। अपने करियर को लेकर उन्होंने मुझसे और भी बातें ‘बच्चन पांडे’ फिल्म की रिलीज के बहाने की हैं, जिसके अंश मैं यहाँ शेयर कर रही हूँ।
अमिताभ की सलाह हमेशा रखते हैं साथ
अरशद वारसी ने अपने करियर के शुरुआती दौर को याद करके कहा कि वह खुद को लकी मानते हैं कि उन्हें शुरुआती दौर में ही अमिताभ बच्चन के सानिध्य में काम करने का मौका मिला है और अमिताभ ने एक बात बतौर सीनियर एक्टर अरशद को समझाई थी, जो उन्हें हमेशा याद रहेगी ।
अमिताभ ने अरशद को क्या खास सलाह दी थी,
इस बारे में अरशद कहते हैं
मैंने जब एबीसीएल के साथ शुरुआत की थी, तो बच्चन साहब हमलोग के साथ बैठते थे, वह बहुत सलाह देते थे और एक बात जो उन्होंने मुझे कही थी, मैं आज भी गाँठ बाँध कर रखता हूँ, उन्होंने मुझसे कहा था कि जब तक कि तुम खुद अपने शॉट से संतुष्ट न हो जाओ, पूरी तरह से, उसे करते रहो, फिर चाहे सेट पर मौजूद लोग, कितना भी मुंह बनाएं। उसे करते रहो। किसी की चिंता मत करो। भले वहां कोने में खड़ा लाइट मैन का मूड ऑफ़ हो जाये, फिर किसी और का हो जाये, जब तक आप खुद संतुष्ट न हो जाये, मत सुनो किसी की।
मजेदार रही है जर्नी
अपने 25 साल की फिल्म इंडस्ट्री में पूरे हुए सफर के बारे में अरशद कहते हैं कि वह लिखना, निर्देशन करना और भी बहुत कुछ करना चाहते हैं।
वह कहते हैं
मेरी जर्नी बेहद खास रही है, मजेदार रही है, मुझे वैसे लोग पसंद नहीं हैं, जो चीजों को कोसते रहते हैं, मैं कैसा आया था और आज कहाँ हूँ में काफी फर्क आ चुका है। मेरी जिंदगी बहुत अच्छी कट रही है और मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। हर एक्टर की ख्वाहिश होती है कि वह बहुत करे, मेरी भी है कि मैं अच्छा लिखूं, निर्देशन करूं।
एक एक्टर का इंटेलिजेंट होना भी है जरूरी
अरशद इस बात को स्पष्ट रूप से कहते हैं कि एक्टर का केवल लुक ही मैटर नहीं करता है, बल्कि और भी काफी चीजें मायने रखती हैं, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए, वह कहते हैं कि एक एक्टर का इंटेलिजेंट होना जरूरी है ।
वह कहते हैं
एक एक्टर जब तक इंटेलिजेंट नहीं होगा, वह डायरेक्टर की बात ही नहीं समझेगा, तो कैरेक्टर डिलीवर कैसे करोगे, जैसे अक्सर, मेरे साथ हुआ है, जहाँ पर एक सीन था कि फिल्म कॉमेडी थी, लेकिन सीन सीरियस था और मेरा को-एक्टर उसको कॉमेडी तरह कर रहा था, मैंने उसको बोला, अरे फिल्म कॉमेडी है,सीन तो सीरियस है, इसलिए यह बेहद जरूरी है।
सही समय पर सही जगह पर होना जरूरी है
अरशद यह भी कहते कि
फिल्म की दुनिया में आपको हमेशा अलर्ट रहने की जरूरत है, आपको किस्मत से जो मौका मिलता है, उसका आप कितना फायदा उठा पाते हैं, मेहनत करके, तो फिर आपने सही मायने में कुछ नहीं किया है।
दो एक्टर्स के साथ वाली फिल्म से कोई दिक्कत नहीं है
अरशद को इस बात से भी कोई परेशानी नहीं है कि वह लगातार दो हीरो वाली फिल्में कर रहे हैं।
वह कहते हैं
अगर आपके साथ अच्छे एक्टर, को-एक्टर हों तो आपको करने में कोई परेशानी नहीं होती है, आपका काम और निखर कर आता है, अच्छा सीन निकल कर सामने आता है।
‘बच्चन पांडे’ में अक्षय के साथ आया मजा
अरशद बताते हैं कि उन्होंने ‘बच्चन पांडे ‘इसलिए साइन की, क्योंकि उन्होंने कभी साजिद नाडियाडवाला के साथ काम नहीं किया था, फिर साथ में अक्षय के साथ काम करना भी अपने आप में एक अच्छा अनुभव होगा, इसलिए मैंने फ़ौरन फिल्म को हाँ कह दिया।
वाकई में, अरशद ने अपने 25 साल के सफर में दर्शकों को अपने अभिनय से खूब हंसाया है, मेरी जितनी भी मुलाकातें उनसे रही हैं, उनकी जिंदादिली ने मेरा दिल जीता है, वह बैठे-बैठे, इतने जोक्स बना देते हैं और खुद पर भी वह मजाक बना लेते हैं कि आपको उनसे मिल कर निराशा हो ही नहीं सकती, लेकिन मैं इस बात को भी यकीन से कह सकती हूँ कि यह मेरी अपनी पर्सनल ऑब्जर्वेशन उनके बारे में मुझे लगती है कि रियल में अरशद के अंदर एक बच्चा तो छुपा है, लेकिन एक गहरा इंसान भी है, जिसे वह कभी बाहरी दुनिया में जाहिर नहीं होने देते हैं और यही उनके व्यक्तित्व की सबसे खास बात लगती है, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ का वह गाना है न, हँसता हुआ जो जाएगा, वो मुकद्दर का सिकंदर, जाने मन कहलायेगा, मैं अरशद को कुछ वैसा ही मानती हूँ। बहरहाल, उनकी आने वाली फिल्म ‘बच्चन पांडे ‘में उनके किरदार से मुझे तो पूरी उम्मीद है कि वह हर बार की तरह खूब एन्जॉय करवाएंगे।