आलिया भट्ट इन दिनों अपनी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के प्रोमोशन में व्यस्त हैं। फिल्म के दमदार ट्रेलर ने तो दिल जीत ही लिया है, लेकिन मेरे दिल आजकल उनकी साड़ियों पर और उनके बालों में लगे गुलाब पर अधिक जा रहा है। आलिया जिस तरह से प्रोमोशन के दौरान इस फ्लॉन्ट कर रही हैं, उसे देख कर मैंने तो उनके सारे लुक को सहेज कर रख लिया है और आने वाले समय में मैं उन्हें ट्राई भी करती रहूंगी। बहरहाल, आलिया की इस फिल्म के इंतजार में तो मैं और आप सब भी हैं, लेकिन आलिया के पिता महेश भट्ट ने यह फिल्म देख ली है और वह इस फिल्म को विश्व स्तरीय फिल्म बता रहे हैं, ऐसे में आलिया से जब हाल ही में पूछा गया कि बतौर पिता के रूप में और फिल्मकार के रूप में जब उन्हें अपने पापा महेश भट्ट से अपनी फिल्मों पर कुछ तारीफ़ सुनने को मिलती है, तो उन्हें कैसा लगता है। इस पर आलिया ने जो कहा वह बेहद दिलचस्प है।
आलिया कहती हैं कि लोगों को लगता है कि मेरे पापा सिर्फ एक पिता की तरह मेरी फिल्म को देखते हैं, तो यह पूरी तरह से गलत बात है। मेरे पिता एक क्रिटिक की तरह देखते हैं और ऐसा नहीं है कि मेरी हर फिल्म की उन्होंने तारीफ़ की है, कई बार उन्होंने कमियां ही बताई है। लेकिन हाँ, यह सच है कि उनको मेरी जो भी फिल्म पसंद आती है, उसके बाद वह कई दिनों तक उसके बारे में बात करते रहते हैं।
आलिया कहती हैं कि मेरे पापा मुझे लगातार इंस्पीरेशनल कोट्स भेजते रहते हैं, लगातार उसपर बात करते हैं, यह किरदार देख कर तो वह काफी इमोशनल भी हो गए थे।आलिया कहती हैं कि मेरी जिंदगी के सबसे बड़े चीयरलीडर तो मेरे पापा ही हैं। वह मुझे मेरे हर खास मौके पर सबसे पहले सपोर्ट करने को तैयार रहते हैं, फिर वह अपनी बातों से ही सपोर्ट क्यों न करते हों। मुझे अच्छे से पता है कि अगर मुझे कभी भी कोई परेशानी आएगी तो मैं उनके पास सबसे पहले उनके पास ही जाऊंगी।
आलिया ने साफ़ बताया कि वह अपनी फिल्में चुनते वक़्त अपने परिवार में से किसी से भी फिल्म चुनने को लेकर राय-मशविरा नहीं करती हैं, क्योंकि वह सभी को सरप्राइज करना ही पसंद करती हैं। फिल्म बनने के बाद ही वह अपने परिवार को दिखा कर उनके ओपिनियन लेती हैं।
कोविड के बाद अब सिनेमाघरों में रौनक लौट रही है, ऐसे में आलिया को कितनी उम्मीद है कि दर्शक थियेटर आएंगे। इस सवाल पर आलिया का जवाब यह आया है कि वह मानती हैं कि यह बोलना बहुत कठिन है कि कितने लोग आएंगे मेरी फिल्म को देखने, लेकिन मुझे लगता है कि आपको लोगों को एक ऐसी फिल्म बना कर हैरान करना चाहिए , जिसके किरदार को देख कर, उन्हें लगे कि उन्हें सिनेमा थियेटर आना चाहिए।
कोरोना काल से आलिया ने क्या सीखा, इस बारे में भी आलिया अपने प्रोमोशन के दौरान बता रही हैं कि जिंदगी में कुछ भी प्लान के मुताबिक़ नहीं होता है, आपको हद से ज्यादा जिंदगी में प्लानिंग नहीं करनी चाहिए। आप कितना भी प्लान कर लो, सबकुछ बदलेगा, आप जितना तैयार बदलाव के लिए होंगे, उतना बेहतर होगा आपके लिए।
वाकई, आलिया आपकी बातें सुन कर यह बात तो स्पष्ट हो रही है कि आप अपनी फिल्म को लेकर कितनी आश्वस्त हैं, वैसे मुझे भी पूरी उम्मीद है कि इस फिल्म के माध्यम से आलिया को एक नयी ऊंचाई मिलेगी ही। मैंने तो 25 फरवरी को पूरी तरह से कैलेंडर में मार्क कर लिया है कि मैं यह फिल्म जरूर देखूंगी।