साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में भी बॉलीवुड का चार्म हमेशा बरक़रार रहा है, जैसे वहां के कई स्टार्स को यहाँ पसंद किया गया है, वैसे ही यहाँ के भी कई कलाकार वहां जाते रहे हैं, और उन्हें भी काफी प्यार मिलता रहा है। ऐसे कलाकारों की बात करूं तापसी पन्नू, रकुल प्रीत सिंह, पूजा हेगड़े और ऐसी कई अभिनेत्रियों के नाम आते हैं, जिन्हें साउथ की भाषाएँ नहीं आती थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने वहां अपनी एक अलग पहचान बना ली है, आज कुछ ऐसी ही अभिनेत्रियों पर एक नजर
तापसी पन्नू
तापसी पन्नू के जो भी उनकी हिंदी फिल्मों के फैन रहे हैं, उन्हें यह बात भी जाननी चाहिए कि तापसी केवल हिंदी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री नहीं हैं, बल्कि उन्होंने अपनी अच्छी खासी पहचान साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी स्थापित की है। मूल रूप से पंजाबी भाषा बोलने वाली तापसी के टैलेंट को मैं हैट्स ऑफ़ करती हूँ कि उन्होंने जिस तरह से साउथ की तेलुगू और तमिल फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है, वह कमाल है। तापसी पन्नू ने के राघवेंद्र राव की रोमांटिक म्यूजिकल ‘झूम्माण्डी नान्दम’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। यह एक तेलुगू फिल्म थी। इसके बाद उन्हें लगातार तेलुगू में फिल्में मिलने लगीं। इसके बाद उन्होंने आदुकलम में भी अच्छी पहचान स्थापित की। तापसी ने प्रभास के साथ भी फिल्मों में काम किया है। मलयालम फिल्मों में भी उनका काफी अच्छा नाम रहा है। इसके कई सालों के बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में काम शुरू किया। 2013 में उन्हें डेविड धवन की फिल्म ‘चश्म-ए बद्दूर’ में काम करने का मौला मिला।
रकुलप्रीत सिंह
रकुलप्रीत सिंह भी दिल्ली से हैं और उन्होंने भी साउथ की फिल्मों में खूब काम किया है। कन्नड़ फिल्म गिल्ली से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। बाद में उन्होंने कई बड़े सुपर स्टार्स के साथ तेलुगू, तमिल और कई दक्षिण भारत की भाषाओं में काम किया। रवि तेजा के साथ भी वह कई फिल्मों में नजर आयी हैं। रामचरण के साथ भी उन्होंने काम किया है। अल्लू अर्जुन के साथ वह काम कर चुकी हैं। हिंदी में उन्होंने टी सीरीज की फिल्म ‘यारियां’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें दे दे प्यार दे में खूब पसंद किया गया, आने वाले समय में उनके पास हिंदी फिल्मों के साथ-साथ साउथ इंडियन फिल्मों की भरमार है।
पूजा हेगड़े
ऋतिक रौशन की फिल्म ‘मोहनजोदाड़ो’ से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वालीं पूजा हेगड़े भी लोकप्रिय अभिनेत्री है। पूजा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी। इसके बाद उन्हें तेलुगू की कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला। उन्होंने तेलुगू फिल्म में काम करने की शुरुआत नागा चैतन्य की फिल्म ‘ओका लैला कोसम’ सकी थी। बाद में कई मसाला फिल्मों में वह लोकप्रिय रही हैं। उन्हें 2014 में ही हिंदी फिल्म में भी काम करने का मौका मिला। अभी पूजा के पास साउथ की फिल्मों के साथ-साथ हिंदी फिल्में भी ढेर सारी हैं।
काजल अग्रवाल
काजल अग्रवाल भी मूल रूप से साउथ से नहीं हैं, लेकिन उन्हें साउथ फिल्मों में अच्छी पहचान मिली। वह तेलुगू फिल्मों में खूब काम करती रही हैं, और तमिल फिल्म इंडस्ट्री में भी बड़ा नाम हैं। हिंदी फिल्मों में कदम उन्होंने 2004 में फिल्म ‘क्यों हो गया न’ में रखा था। बाद में उन्हें अपनी लोकप्रियता साउथ की फिल्मों में मिली, तो उन्होंने वहां अधिक फिल्में करनी शुरू कर दी। उन्हें तेलुगू फिल्म ‘मगधीरा’ से सबसे बड़ी लोकप्रियता मिली। वह मुंबई की ही पली बढ़ी लड़की हैं। उन्होंने महेश बाबू के साथ भी एक बड़ी फिल्म बिजनेमैन में काम किया था, जो काफी कामयाब रही। ‘थुप्पकी’ फिल्म में वह बॉक्सर की भूमिका में थीं।
तमन्ना भाटिया
तमन्ना की लोकप्रियता जिस तरह से साउथ फिल्म इंडस्ट्री में है, लोग उनकी लोकप्रियता का अनुमान नहीं लगा पाते हैं। लेकिन सच यह है कि तम्मना भी मूल से साउथ की नहीं हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता वहां सबसे अधिक रही। उन्हें बाहुबली में भी काम करने का मौका मिला। ‘चाँद सा रौशन चेहरा ‘से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने तमिल, तेलुगू और कई भाषाओं में काम किया