आइए मिलते हैं बॉलीवुड की कुछ ऐसी फिल्ममेकर्स से जो अपने काम से और अपनी फिल्मों से बॉलीवुड पर राज कर रही हैं। एंटरटेनमेंट के साथ साथ ये बॉस लेडीज़ हमें अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जीने की प्रेरणा भी देती हैं।
1- एकता कपूर
एकता कपूर भले ही अपने मुँह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुई हो, लेकिन उन्होंने अपने ‘सरनेम’ से नहीं बल्कि अपने टैलेंट और मेहनत के बलबूते पर अपना नाम बनाया है। उन्होंने ये साबित कर दिया के स्टार किड्स सिर्फ अपने माता पिता के नक्शेकदम पर चलने के सीमित नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसी सफलता हासिल की के आज उन्हें ‘ड्रामा क्वीन’ के नाम से जाना जाता है। एकता ना सिर्फ टेलीविज़न पर, बल्कि ओटीटी और सिल्वर स्क्रीन पर भी बेहतरीन कॉन्टेंट दे रही हैं और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की इंस्पायरिंग बॉस लेडीज़ में से एक बन चुकी हैं।
2- मेघना गुलज़ार
बॉस लेडीज़ की बात हो और मेघना गुलज़ार का नाम ना आए ऐसा हो सकता है क्या? मेघना इस मेल डोमिनेटेड इंडस्ट्री में एक ऐसी डायरेक्टर हैं, जिन्होंने हमें हमेशा है स्ट्रॉन्ग फिल्में दी है। उनकी फिल्में उनकी पावरफुल सोच को दर्शाती हैं और वो हमेशा हमें इंस्पायर करती हैं।
3- ज़ोया अख्तर
भले ही ज़ोया अख्तर फ़िल्मी बैकग्राउंड से हो, लेकिन उन्होंने अपना नाम अपने टैलेंट से बनाया है| और उन्होंने भले ही कम फिल्में की है, लेकिन उनकी फिल्में इतनी शानदार रही हैं के आज बॉलीवुड के ज़्यादातर कलाकार उनके साथ काम करना चाहते हैं।
4- गौरी शिंदे-
गौरी शिंदे एक ऐसी पैशनेट फिल्माकर हैं, जो कभी भी अपने विचार रखने से हिचकिचाती नहीं है। उन्होंने ये भी कहा है के उनकी फिल्में उनके खुदके अनुभवों से प्रेरित होती हैं। और उनके यही अनुभव हमें भी प्रेरणा देते हैं।
5- अलंकृता श्रीवास्तव-
प्रकाश झा के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करने के बाद अलंकृता श्रीवास्तव ने 2011 में टर्निंग 30 के साथ डायरेक्शन में अपना डेब्यू किया। टटर्निंग 30 के बाद अलंकृता की फ़िल्म लिपस्टिक अंडर माय बुरखा और डॉली किटी और वो चमकते सितारे आई। इन फिल्मों ने हमें विमेन इम्पावरमेंट की एक अलग ही परिभाषा समझाई। उनका बेहतरीन काम हमें ओटीटी शोज़, बॉम्बे बेगम और मेड इन हैवन में भी देखने को मिला। अलंकृता की फिल्में देखने के बाद हमें ये यकीन हो चुका है के वो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की बॉस लेडी हैं और उनकी फिल्मों में भी हमें ऐसी ही बॉस लेडीज़ देखने को मिलेंगी जो अपनी ज़िंदगी की बागडोर खुद संभालती हैं।
हम उम्मीद करते हैं के इस साल हमें इन टैलेंटेड फिल्ममेकर्स की कुछ और फ़िल्में देखने को मिले।